Fake Bill Scam : अभय राठौर के रिश्तेदार के घरों से तीन अवैध नल कनेक्शन और मिले

स्वतंत्र समय, इंदौर

फर्जी बिल घोटाले ( Fake Bill Scam ) में फरार चल रहे नगर निगम के वरिष्ठ इंजीनियर अभय राठौर की मुसीबत लगातार बढ़ती जा रही है। मामले की जांच पड़ताल करते हुए निगम की टीम ने फरार अभय राठौर के घर से एक और नल कनेक्शन पकड़ा है। एमजी रोड पुलिस ने तीन आरोपियों की रिमांड अवधि खत्म होने पर आज उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने तीनों की रिमांड अवधि दो दिन और बढ़ा दी है। करोड़ों के घोटाले में पकड़े गए लिपिक, कैशियर, सब इंजीनियर और फरार कार्यपालन यंत्री की संपत्ति की सूची अभी पुलिस को प्राप्त नहीं हुई है। निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने कहा, संज्ञान में आया था कि इनके द्वारा (अभय राठौर) चार इंच का एक अवैध नल कनेक्शन किया गया था. इस कनेक्शन को काटा गया है. इस मामले में और भी वैधानिक कार्रवाई की जा रही हैं। इसमें हम वसूली की कार्रवाई भी करेंगे। साथ ही साथ हमारे विभाग से इस मामले में क्यों अनदेखी की गई, इसको लेकर संबंधित इंजीनियरों से स्पष्टीकरण भी लेंगे।

Fake Bill Scam में तीन आरोपियों को फिर मिला दो दिनों का रिमांड

फर्जी बिल घोटाले ( Fake Bill Scam ) में पुलिस एमजी रोड के मुताबिक घोटाले में शामिल ठेकेदार मो. जाकिर, राहुल वडेरा और कैशियर राजकुमार साल्वी रिमांड से कई बिंदुओं पर पूछताछ की गई है। शुक्रवार को रिमांड अवधि पूरी होने के बाद दोपहर को तीनों को कोर्ट में पेश किया गया जहां उन्हें फिर से दो दिनों के पुलिस रिमांड भेज दिया गया है। डीसीपी पंकज पांडे ने बताया कि अब तक गिरफ्तार 8 आरोपियों से कई बिंदुओं पर हुई पूछताछ और दस्तावेजों की जांच के आधार पर सभी के विरूद्ध साक्ष्यों का निर्धारण पुलिस द्वारा किया जा रहा है। फरार कार्यपालन यंत्री अभय राठौर और घोटाले में सामने आई दो नई फर्मों के फरार आरोपियों की भी तलाश अलग-अलग पुलिस टीमें कर रही है।
आरोपियों की सम्पत्तियों के बारे में पुलिस ने बताया की रजिस्ट्रार कार्यालय और निगम को पत्र भेज कर इस घोटाले में शामिल आरोपियों की संपत्ति की जानकारी मांगी है। इन विभागों ने एक हफ्ते में संपत्ति का ब्योरा देने की बात कही है। फिलहाल पुलिस को इन विभागों से आरोपियों की संपत्ति की सूची मिलने का भी इंतजार है।

टैंकर से बेचते थे नर्मदा पेयजल योजना का पानी

निगम से मिली जानकारी के अनुसार निगम की टीम व्दारा की जा रही जांच पड़ताल में एक नई जानकारी सामने आई है की घोटाले के मास्टरमाइंड माने जा रहे इंजीनियर अभय राठौर और उनके घर के पीछे रहने वाले उनके जीजा राकेश चौहान के घर से तीन और अवैध नल कनेक्शन मिले है जिसमें से एक कनेक्शन अभय राठौर के घर से और उनके जीजा के घर से 1 इंच के दो अवैध कनेक्शन और मिले हैं । उल्लेखनीय है की दो दिन पहले ही निगम के द्वारा छापामार कार्रवाई करते हुए अभय राठौर के जीजा राकेश चौहान के घर पर 4 इंच का एक अवैध नल कनेक्शन पकड़ा गया था । इस नल कनेक्शन को मेन लाइन से किया गया था । जिसके कारण इस कनेक्शन से पूरे 24 घंटे पानी आता रहता था। इस पानी को टैंकर में भरकर बेचने का काम किया जाता था । टेंकर के माध्यम से नर्मदा पेयजल योजना का पानी बेचा जाता था।

निगम पूरा पैसा वसूलेगा

इंजीनियर अभय राठौर के घर पर विगत 10 सालों से अवैध रुप से पानी बेचा जा रहा था। राठौर से पानी का पैसा वसूलने के लिए हिसाब किताब निकाला है। जो हिसाब निकाला गया है उसके मुताबिक एक चार इंच के अवैध कनेक्शन का हर साल औसतन किराया 3.50 लाख का बनता है। इसी चार इंच का ही किराया और ब्याज 45 लाख रुपए करीब बन रहा है। वहीं यह घर उसके जीजा राकेश चौहान का है, वहीं पास में राठौर का घर है, यहां पर एक-एक इंच के तीन और अवैध कनेक्शन मिले हैं। इनका भी दस साल का 20 लाख करीब जलकर बनता है।

जीजा के नाम पर चलाता था पानी का टैंकर

इंदौर निगम बिल घोटाला मामले में जांच के दौरान बुधवार को नि: शुक्ल जल वितरण के चार पानी के टैंकर जब्त किए थे। नगर निगम ने जो टैंकर जब्त किए हैं, वह उसके जीजा के नाम पर थे। वह इन अवैध नल कनेक्शन के जरिए इन टैंकरों में पानी भरता था और अवैध सप्लाई करता था। यहां से भी उसने करोड़ों रुपए छापे। यानि निगम से पानी चुराया, टैंकर में भरवाया और इसे लोगों में बेचा। इस तरह दोनों तरफ से मुनाफा कमाया गया।