Fake Bill Scams : लेखा शाखा से 98 और Fake payment की फाइलें जब्त

स्वतंत्र समय, इंदौर

निगम में अब तक के सबसे बड़े फर्जी बिल घोटाले ( Fake Bill Scams ) में हर दिन नए खुलासे होते जा रहे है। घोटाले की कडिय़ां एक दूसरे से जुड़ती जा रही है। इंदौर नगर निगम में हुए घोटाले की गूंज भोपाल तक पहुंच चुकी है। सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। चर्चा है की निगम घोटाले की जांच के लिए सरकार एक स्पेशल जांच कमेटी का गठन कर रही है जिसमें पांच सदस्य होंगे। हालांकि अभी कमेटी के गठन को लेकर सरकार की तरफ से फरमान जारी नहीं हुआ है, लेकिन अगले तीन दिन में कमेटी गठित होते ही इंदौर आएंगी। घोटाले को लेकर पांचवे दिन कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। बताया गया है की अब घोटाले की राशि का शतक लग गया है । मामले की जांच कर रही एमजी रोड पुलिस ने निगम के लेखा शाखा से 98 और फर्जी भुगतान की फाइलें जप्त की है। इसके सहित अब तक 134 फाइलों की जपती हो गई है । इन फाइलों में 71 करोड़ का भुगतान हो गया है जबकि 28 करोड़ का भुगतान होने से बचा लिया गया है । फर्जी बिल कांड में पुलिस ने पांचो आरोपी ठेकेदारों के खिलाफ तीन और मुकदमे रात को दर्ज कर लिए हैं।

इंदौर नगर निगम में Fake Bill Scams

निगम में 28 करोड रुपए के फर्जी बिल ( Fake Bill Scams ) की जांच के साथ शुरू हुआ घोटाला तेजी से बढ़ते जा रहा है । नगर निगम के ड्रेनेज विभाग की 17 फाइलों के माध्यम से 28 करोड रुपए की राशि निकालने की कोशिश का मामला सबसे पहले पकड़ा गया । यह सारी फाइलें फर्जी वाडे के आधार पर बनाई गई थी । जिसमें की कोई काम नहीं किया गया था लेकिन फाइल बनाकर काम करने का दावा करते हुए भुगतान निकालने की कोशिश की जा रही थी । इस मामले के पकड़े जाने के बाद से जांच का काम शुरू हुआ । इस जांच में 21 करोड़ रुपए के घोटाले की 19 फाइलें मिली । इन सभी फाइलों का भी फाइलों को भी फर्जी वाडे से तैयार किया गया था । इसमें काम किए बगैर ही फाइल बनाकर भुगतान प्राप्त कर लिया गया था ।

पुलिस ने अफसरों के बयान लेने किए शुरू

इस तरह दो मामलों में कुल 36 फाइल में जप्त कर ली गई थी । इन फाइलों के आधार पर 49 करोड़ का घोटाला सामने आया था । जिसमें से 21 करोड़ का भुगतान हो गया था और 28 करोड़ का भुगतान होने से बचा लिया गया था । इतना होने के बाद नगर निगम के द्वारा अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन की अध्यक्षता में गठित की गई जांच समिति ने शुक्रवार को लेखा शाखा से 98 और फाइलें जब्त की है । इन फाइलों में फर्जी वाडे के आधार पर 50 करोड रुपए का भुगतान हो गया है । यह फाइलें भी सभी फर्जी दस्तावेज लगाकर तैयार कराई गई थी । यह सभी फाइलें भी ड्रेनेज विभाग की ही है । कल जब्त की गई फाइलों के साथ अब तक जब्त फाइलों की संख्या 134 हो गई है । इस घोटाले की राशि 99 करोड़ हो गई है । इस 99 करोड़ की राशि में से 71 करोड रुपए का भुगतान जारी हो चुका है जबकि 28 करोड रुपए का भुगतान होने से बचा लिया गया है । इस मामले में निगम के अफसरों के बयान पुलिस एमजी रोड ने लेने प्रारंभ कर दिए है।

तीन विभाग ले लेंगे तो निकल जाएंगे 1 हजार करोड़ के फर्जी बिल

इसके साथ ही अब नगर निगम में अधिकारियों पर इस बात का दबाव बढऩा शुरू हो गया है कि इस जांच की परिधि में ड्रेनेज विभाग के साथ-साथ जनकार्य विभाग, जल यंत्रालय और उद्यान विभाग को भी शामिल कर लिया जाए । यदि इन तीन विभाग को और शामिल कर लिया जाता है तो यह घोटाला 1000 करोड़ से ज्यादा का हो जाएगा । इन तीन विभागों में से जन कार्य विभाग अकेला ही ऐसा है जहां पर की पेवर ब्लाक लगाने, सडक़ बनाने, चौराहे का विकास करने की सैकड़ो फर्जी फाइल मिल जाएगी । इसके साथ ही जल यंत्रालय में पानी की समस्या के समाधान के नाम पर हुए घोटाले का अंबार लगा हुआ है । जबकि उद्यान विभाग में तो बगीचों के विकास के नाम पर गली मोहल्ले कॉलोनी की करोड़ों रुपए की फर्जी फाइलें बन जाती है ।

पांच फर्मों का सारा मामला

इस मामले में अब तक जितना फजीर्वाड़ा पकड़ा गया है वह सारा मामला केवल पांच फर्मो का है । इन पांच फार्मो के द्वारा ही 28 करोड रुपए की राशि निकालने की कोशिश की जा रही थी । जिसकी जांच के साथ इस मामले को पकडऩे का सिलसिला शुरू हुआ और सारा भुगतान भी इन्हीं 5 फर्मो के द्वारा प्राप्त किया गया है । दूसरी फर्मो के द्वारा किए गए फर्जी वाडे को तो अभी तक जांच की परिधि में लिया ही नहीं गया है ।

पद्रंह फाइलों में मिली बड़ी गड़बड़ी

फर्जी बिल कांड में पुलिस ने पांचों आरोपी ठेकेदारों के खिलाफ तीन और मुकदमे रात को दर्ज कर लिए हैं। दरअसल पुलिस जब नगर निगम में जांच करने पहुंची तो वहां 15 और ऐसी फाइलें हाथ लगी, जिनमें बड़ी गड़बड़ सामने आई थी, उन्हीं के आधार पर तीन अलग- अलग मुकदमे दर्ज हुए हैं। एमजी रोड थाना प्रभारी सिसोदिया के अनुसार पूर्व में 20 फाइलों में गड़बड़ मिली थी, जिसके आधार पर नगर निगम द्वारा 28 करोड़ की धोखाधड़ी का मुकदमा ठेकेदार मोहम्मद सिद्दीक, मोहम्मद साजिद और जाकिर सहित आशीष व एक महिला के खिलाफ दर्ज किया गया था। पुलिस ने नगर निगम से और भी फाइलें जब्त की तो 15 अन्य फाइलों में बड़ी गड़बड़ी मिली है। इसी आधार पर कल रात एमजी रोड थाने में तीन और मुकदमे दर्ज हुए हैं। जिसमे पांचो ठेकेदारों के नाम शामिल है। आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम जगह-जगह दविश दे रही है, उनके पकड़ाने के बाद निगम के अफसर तक भी कानून के हाथ पहुंचेंगे।