स्वतंत्र समय, भोपाल
प्रदेश में किसान ( farmers ) सोयाबीन के दाम 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल किए जाने को लेकर पिछले एक महीने से आंदोलन कर रहे हैं। सोमवार को भोपाल में प्रदेश के करीब 16 किसान संगठनों नीलम पार्क में प्रदर्शन किया। सोयाबीन, गेहूं, चना, मक्का सहित तमाम फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने और एमएसपी की कानूनी गारंटी देने जैसी तमाम मांगों को पूरा करने के लिए डटे हैं। प्रदर्शन में शामिल होने कटनी के किसान नेता एके खान हाथ-पैरों में लोहे की बेडिय़ां डालकर पहुंचे। किसान नेता एके खान का कहना है कि किसानों की आय दोगुनी करने का वादा करने वाली सरकार सुन नहीं रही है, बल्कि सरकार पूंजीपतियों के हिसाब से फैसले ले रही है। हमारी मांग है कि सोयाबीन, गेहूं, मक्का, चना सहित तमाम फसलों की एमएसपी किसानों की लागत के हिसाब से तय हो और एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए।
ये हैं farmers संगठनों की मांगें…
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अतिवृष्टि से नष्ट हुई फसलों का सर्वे कराकर राजस्व मुआवजा और फसल बीमा का भुगतान किया जाए।
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प्राकृतिक आपदा, सर्प दंश, बिजली का करंट तथा जंगली जानवर के हमले से मौत होने पर पीडि़त के परिवार को 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए।
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वन अधिकार के पट्टाधारी किसानों को कब्जा दिलाया जाए।
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बिजली बिल माफ किया जाए,चरनोई और तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए।
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आवारा पशुओं तथा जंगली जानवरों द्वारा फसलों को हुए नुकसान पर डेढ़ गुना मुआवजा दिया जाए।
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गेहूं-चावल के साथ राशन में दाल, शक्कर, केरोसिन का तेल दिया जाए।
किसानों की लागत बढ़ती जा रही, आय घट रही
किसान संघर्ष समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ एके खान बेडिय़ां डालकर सत्याग्रह में शामिल हुए। खान ने कहा- सरकार ने किसानों को कानूनी बेडिय़ों में जकड़ रखा है। एक तरफ सरकार हमारी आय दोगुनी करने की बात कर रही थी, वहीं सरकार ने हमको कुचलने का काम किया। हमारी लागत 4 गुनी हो गई, लेकिन लगातार हमारी आय घट रही है। जिससे कहीं ना कहीं पूरे देश में पूरे प्रदेश में किसान आत्महत्या के लिए मजबूर हो रहा है।