राजगढ़ जिले में लगातार हुई भारी बारिश और कीटों के प्रकोप से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। लंबे समय तक हुई बारिश के कारण खेतों में पानी भर गया, जिससे खरीफ की मुख्य फसलें जैसे सोयाबीन और मक्का को भारी नुकसान हुआ। प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार जिले के अधिकांश इलाकों में फसलों का करीब 50 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। ऐसे में अब शासन ने राहत राशि देने की तैयारी शुरू कर दी है। जिन किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है, उन्हें औसतन 5000 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से राहत राशि दी जाएगी। वहीं, बीघा के हिसाब से देखें तो किसानों को कम से कम 1250 रुपए प्रति बीघा की राशि अवश्य मिलेगी।
18 अक्टूबर को सीएम मोहन यादव करेंगे राहत वितरण की शुरुआत
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के 18 अक्टूबर को राजगढ़ दौरे के दौरान किसानों के खाते में राहत राशि ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जिला प्रशासन ने इस कार्यक्रम की तैयारियां पूरी कर ली हैं। जिले में कुल 1752 गांव हैं, जहां लगभग 6.5 लाख किसान खेती पर निर्भर हैं। इनमें से लगभग 1.5 लाख किसान ऐसे हैं जिनकी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। तहसीलवार सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है और उसका डेटा शासन को भेजा जा चुका है ताकि राहत राशि का वितरण पारदर्शी तरीके से किया जा सके।
आरबीसी-6(4) के तहत मिलेगा मुआवजा
राजगढ़ जिले में फसलों की क्षति का आकलन राजस्व और कृषि विभाग की संयुक्त टीमों द्वारा किया गया। खेतों में जाकर फसल कटाई प्रयोग और सर्वे के आधार पर नुकसान का स्तर तय किया गया है। शासन ने राहत वितरण के लिए राजस्व बुक सर्कुलर (RBC) 6(4) के प्रावधानों के तहत राशि स्वीकृत की है। इस नियम के अंतर्गत —
• सीमांत और छोटे किसान (जिनके पास दो हेक्टेयर से कम भूमि है) को 8500 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता मिलेगी।
• वहीं, दो हेक्टेयर से अधिक भूमि वाले किसानों को 7200 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से राहत राशि दी जाएगी।
संयुक्त कलेक्टर वीरेंद्र सिंह दांगी के अनुसार, सर्वे के आधार पर जिन किसानों की फसलों को वास्तविक नुकसान हुआ है, उन्हें राहत राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि “कम से कम पांच हजार रुपए प्रति हेक्टेयर की राशि हर पात्र किसान को जरूर दी जाएगी। सभी तहसीलों से डेटा एकत्र कर शासन को भेजा गया है और जल्द ही किसानों के खातों में राशि ट्रांसफर की जाएगी।”
फसल नुकसान का आकलन और आंकड़े
राजगढ़ जिले का कुल खेती योग्य रकबा लगभग 5 लाख हेक्टेयर है, जिसमें से 4.03 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन की खेती होती है — जो इस बार सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। इसके अलावा, 34 हजार हेक्टेयर में मक्का, 600 हेक्टेयर में अरहर, 300 हेक्टेयर में उड़द, और 292 हेक्टेयर में तिल की फसलें बोई गई थीं। इन सभी फसलों में कहीं ना कहीं अत्यधिक वर्षा, जलभराव और कीट संक्रमण से नुकसान दर्ज किया गया है।
प्रभावित किसानों को जल्द मिलेगी राहत
प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि किसानों की फसल हानि का आंकलन वैज्ञानिक पद्धति से किया गया है। फील्ड स्टाफ और कृषि विशेषज्ञों की टीमों ने मौके पर जाकर नुकसान का प्रत्यक्ष सर्वे किया। सभी रिपोर्टों को डिजिटली संकलित कर शासन को भेजा गया है। राहत राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से किसानों के खातों में भेजी जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना न रहे।
फैक्ट फाइल (Fact File):
• कुल किसान: 6 लाख
• प्रभावित किसान: 1.5 लाख
• कुल सींचित रकबा: 5 लाख हेक्टेयर
• मुख्य फसलें:
• सोयाबीन – 4.03 लाख हेक्टेयर
• मक्का – 34 हजार हेक्टेयर
• अरहर – 600 हेक्टेयर
• उड़द – 300 हेक्टेयर
• तिल – 292 हेक्टेयर
इस राहत योजना से राजगढ़ जिले के हजारों किसानों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। मौसम की मार और कीट प्रकोप से परेशान किसानों के लिए यह आर्थिक सहायता एक बड़ी मदद साबित होगी। मुख्यमंत्री के आगमन के साथ ही यह राहत वितरण अभियान जिलेभर में शुरू होगा और आने वाले हफ्तों में सभी प्रभावित किसानों तक राशि पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।