बॉलीवुड अभिनेत्री फातिमा सना शेख ने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने जीवन के कड़वे अनुभव साझा किए हैं, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे महिलाओं को केवल ‘लड़की’ होने के कारण ही कई बार शोषण और उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। ‘दंगल’ और ‘लूडो’ जैसी फिल्मों से प्रसिद्धि पाने वाली फातिमा ने बेहद ईमानदारी से अपने संघर्षों की कहानी बयां की।
Fatima Sana Shaikh: “लड़की होना ही काफी है”
फातिमा का यह बयान – “लड़की होना ही काफी है कि तुम्हें परेशान किया जाए” – समाज की उस सच्चाई को उजागर करता है जिससे हर वर्ग की महिलाएं गुजरती हैं। उन्होंने बताया कि कैसे वे छोटी उम्र से ही यौन उत्पीड़न जैसी घटनाओं का सामना कर चुकी हैं। यह अनुभव न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी गहरे घाव छोड़ते हैं।
Fatima Sana Shaikh: बचपन से ही संघर्ष
फातिमा ने बताया कि उन्होंने बहुत ही कम उम्र में इंडस्ट्री में कदम रखा था, लेकिन वहां का माहौल हमेशा सुरक्षित नहीं रहा। उन्होंने बिना किसी नाम लिए बताया कि कैसे कई बार उन्हें असहज परिस्थितियों से गुजरना पड़ा। उनका मानना है कि महिलाओं के साथ बुरा व्यवहार या छेड़छाड़ जैसी घटनाएं केवल मनोरंजन जगत तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह समाज के हर कोने में फैली हुई हैं।
Fatima Sana Shaikh: चुप्पी नहीं, आवाज़ ज़रूरी
फातिमा का मानना है कि अब वक्त आ गया है जब महिलाओं को अपनी आवाज़ बुलंद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले वे डर और शर्म के कारण अपने अनुभवों को साझा नहीं कर पाती थीं, लेकिन अब उन्हें लगता है कि अपनी बात कहने से न सिर्फ खुद को राहत मिलती है, बल्कि दूसरों को भी हिम्मत मिलती है।
इंडस्ट्री में धीरे-धीरे बदलाव
फातिमा का मानना है कि अब फिल्म इंडस्ट्री में धीरे-धीरे सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं। #MeToo मूवमेंट जैसे अभियानों ने लोगों को जागरूक किया है और महिलाओं को बोलने का मंच भी मिला है। उन्होंने यह भी कहा कि अब महिलाओं को केवल ग्लैमर की नज़र से नहीं देखा जा रहा, बल्कि उनके टैलेंट और मेहनत को भी सम्मान मिल रहा है।