देश की सुरक्षा में एक और ऐतिहासिक कदम—अब यूपी की धरती पर गूंजेगी वायुसेना की दहाड़! गंगा एक्सप्रेस-वे पर लड़ाकू विमानों की ट्रायल लैंडिंग की तैयारी अंतिम चरण में है। दो और तीन मई को जब वायुसेना के फाइटर जेट्स इस एक्सप्रेसवे पर उतरेंगे, तो वो दृश्य राष्ट्र के पराक्रम और तैयारियों की बेमिसाल झलक होगा।
मोदी ने दिया पराक्रम पथ नाम
मेरठ से प्रयागराज तक फैले इस एक्सप्रेसवे पर बनाई गई हवाई पट्टी को ‘पराक्रम पथ’ का नाम दिया गया है। युद्ध जैसी आपात स्थितियों में दुश्मनों के मंसूबों को ध्वस्त करने के लिए ये रनवे किसी ब्रह्मास्त्र से कम नहीं होगा
सुरक्षा में कोई समझौता नहीं
वायुसेना की लैंडिंग को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए जा रहे हैं। हवाई पट्टी के दोनों ओर सर्विस लेन पर 5 से 6 फीट ऊंची बैरिकेडिंग लगाई जा रही है, जिससे कोई भी व्यक्ति या पशु गलती से भी रनवे के करीब न आ सके। अब तक दो किलोमीटर का काम पूरा हो चुका है और 27 अप्रैल तक बाकी काम भी खत्म कर वायुसेना को हवाई पट्टी का हैंडओवर दे दिया जाएगा।
नेपाल-चीन बॉर्डर पर कड़ी नजर
गौरतलब है कि इस एयर स्ट्रिप से नेपाल बॉर्डर की दूरी महज 150 किलोमीटर है। रणनीतिक जानकार मानते हैं कि इस तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर से देश की आंतरिक सुरक्षा और भी मज़बूत होगी। यूपी अब देश का पहला राज्य बन चुका है, जहां चार हाईवे पर एयर स्ट्रिप्स मौजूद हैं।
वायु सेना की ताकत को दुगना करने तैयारी
युद्धकाल में किसी भी देश की पहली रणनीति होती है—दुश्मन की एयर स्ट्रिप्स और एयरबेस को निशाना बनाना। ऐसे में अगर हमारे पास एक्सप्रेसवे जैसे विकल्प हों, जहां फाइटर जेट्स आसानी से टेकऑफ और लैंडिंग कर सकें, तो यह हमारी ताकत को दुगुना कर देता है।