फिल्म निर्माता, पेंटर और पत्रकार प्रीतीश नंदी का 73 साल की उम्र में निधन हो गया है। उनके निधन से बॉलीवुड और मीडिया जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। उनकी मृत्यु की जानकारी उनके करीबी दोस्त और मशहूर अभिनेता अनुपम खेर ने दी। अनुपम खेर ने प्रीतीश को “यारों का यार” कहते हुए उन्हें याद किया और सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें साझा कीं।
अनुपम खेर ने किया भावुक पोस्ट साझा
अभिनेता अनुपम खेर ने प्रीतीश नंदी के निधन पर अपनी भावनाएं साझा करते हुए लिखा, “अपने करीबी दोस्त प्रीतीश नंदी के निधन की खबर से मैं गहरे सदमे में हूं। वे शानदार कवि, लेखक, फिल्ममेकर और निडर पत्रकार थे। मुंबई में मेरे शुरुआती दिनों में वे मेरे सपोर्ट सिस्टम थे। हमने साथ में कई खूबसूरत यादें बनाई हैं।”
Deeply deeply saddened and shocked to know about the demise of one of my dearest and closest friends #PritishNandy! Amazing poet, writer, filmmaker and a brave and unique editor/journalist! He was my support system and a great source of strength in my initial days in Mumbai. We… pic.twitter.com/QYshTlFNd2
— Anupam Kher (@AnupamPKher) January 8, 2025
उन्होंने आगे लिखा, “वे निडर व्यक्तित्व के धनी थे। उनकी लार्जर-देन-लाइफ पर्सनालिटी और सीखने की भूख ने मुझे हमेशा प्रेरित किया। मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा। आज मैं उन्हें और उनके साथ बिताए समय को बहुत मिस करूंगा। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।”
फिल्मफेयर कवर पेज से जुड़े खास किस्से
अनुपम खेर ने प्रीतीश से जुड़े एक खास किस्से को याद करते हुए कहा, “वो दिन मैं कभी नहीं भूल सकता जब उन्होंने मुझे फिल्मफेयर वीकली के कवर पेज पर स्थान दिया था। यह मेरे जीवन के सबसे खास पलों में से एक था। प्रीतीश यारों के यार की असली परिभाषा थे।”
प्रीतीश नंदी एक मल्टीटैलेंटेड शख्सियत थे। उनका जन्म बिहार के भागलपुर में हुआ था। वे कवि, पेंटर और पत्रकार के साथ-साथ फिल्म निर्माता भी थे। उनकी कलात्मकता और सिनेमा के प्रति समर्पण ने उन्हें बॉलीवुड का अहम हिस्सा बनाया।
इन फिल्मों के लिए रहेंगे यादगार
प्रीतीश नंदी ने बॉलीवुड को कई यादगार फिल्में दीं। उन्होंने कुछ खट्टी कुछ मीठी, झनकार बीट्स, सुर, कांटे, चमेली, हजारों ख्वाहिशें ऐसी, आंखें, जस्ट मैरिड, और मस्तीजादे जैसी फिल्में प्रोड्यूस कीं।
बॉलीवुड और पत्रकारिता में अविस्मरणीय योगदान
प्रीतीश नंदी का योगदान सिनेमा और पत्रकारिता दोनों में ही अनमोल रहा है। उनके निधन से एक युग का अंत हो गया है, लेकिन उनकी कला, फिल्मों और लेखन के जरिए वे हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे।