भोपाल के लालघाटी फ्लाईओवर के नीचे आग: 3 दमकलों ने पाया काबू, एसीपी शीट और कचरे से भभकी लपटें

Bhopal News : भोपाल के लालघाटी चौराहे पर शुक्रवार को एक बड़ा हादसा टल गया। यहां फ्लाईओवर के नीचे सौंदर्यीकरण के लिए लगाए गए एसीपी (एल्युमिनियम कंपोजिट पैनल) और कचरे के ढेर में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया और लपटें ब्रिज पर लगी लाइटों तक पहुंच गईं।
घटना की सूचना मिलते ही दमकल विभाग हरकत में आया। बैरागढ़ और फतेहगढ़ फायर स्टेशन से तुरंत तीन दमकल गाड़ियां मौके पर भेजी गईं। फायर फाइटर्स ने मुस्तैदी दिखाते हुए आग पर काबू पा लिया। राहत की बात यह रही कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन सौंदर्यीकरण के लिए लगाया गया काफी सामान जलकर खाक हो गया।
ट्रैफिक हुआ बाधित, मजार तक पहुंची आंच
आग लगने के कारण लालघाटी चौराहे पर काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल रहा। धुएं और लपटों की वजह से ट्रैफिक को रोकना पड़ा। यह आग फ्लाईओवर के नीचे बैरागढ़ की ओर जाने वाले रास्ते पर लगी थी। घटनास्थल के पास ही एक मजार भी स्थित है। आग की लपटें मजार के करीब तक पहुंच गई थीं, लेकिन दमकल कर्मियों ने समय रहते आग बुझा दी, जिससे मजार सुरक्षित बच गई।
शॉर्ट सर्किट या कचरा, वजह साफ नहीं
बैरागढ़ फायर स्टेशन के फायर फाइटर मुबारिक अहमद ने बताया कि आग लगने का सटीक कारण अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। शुरुआती जांच में पता चला है कि फ्लाईओवर के नीचे सौंदर्यीकरण के लिए इस्तेमाल किए गए प्लाईवुड और अन्य ज्वलनशील सामग्री ने सबसे पहले आग पकड़ी। इसके बाद ऊपर लगे बिजली के पोल और नीचे सड़क पर पड़े कचरे ने आग को और भड़का दिया।

“आग लगने की वजह अभी सामने नहीं आई है। प्लाईवुड और अन्य सामान में पहले आग लगी, जो लाइट के पोल और कचरे की वजह से भभक गई। हमने कुछ ही देर में आग पर काबू पा लिया।” — मुबारिक अहमद, फायर फाइटर

राजा भोज की थीम पर हुआ था सौंदर्यीकरण
लालघाटी फ्लाईओवर का यह हिस्सा काफी महत्वपूर्ण है, जो वीआईपी रोड, एयरपोर्ट रोड और बैरागढ़ को जोड़ता है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने यहां वुडन फिनिश वाली एसीपी शीट लगाकर सौंदर्यीकरण किया था। ब्रिज के नीचे राजा भोज की थीम पर सीएनसी (कम्प्यूटर न्यूमैरिक कंट्रोल) पद्धति से पेंटिंग और आकर्षक लाइटिंग भी की गई थी।
गौरतलब है कि इससे पहले नगर निगम ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत भी यहां पेंटिंग कराई थी, लेकिन वह लंबे समय तक टिक नहीं पाई थी। एसीपी शीट का उपयोग इसलिए किया गया था ताकि सजावट कम से कम दस साल तक बरकरार रहे, लेकिन इस आग ने उसे भारी नुकसान पहुंचाया है।