इंडियन सोसायटी ऑफ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी (आईएसजी) के इंदौर चैप्टर और मेदांता हॉस्पिटल द्वारा आयोजित दो दिवसीय वार्षिक मीटिंग 2025 के पहले दिन पेट और पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारियों के विशेषज्ञों ने नवीनतम एंडोस्कोपिक तकनीकों, लाइव डेमो और इंटरऐक्टिव सत्रों के माध्यम से चिकित्सा क्षेत्र में हो रहे नवीनतम विकासों पर चर्चा की।
इंडियान सोसाइटी ऑफ गेस्ट्रोएन्टरोलॉजिस्ट, इंदौर सिटी चैप्टर के अध्यक्ष डॉ हरि प्रसाद यादव ने बताया कि दो दिवसीय मीटिंग के पहले दिन की शुरुआत में मेदांता मेडिसिटी, गुड़गांव के एंडोस्कोपी विशेषज्ञ डॉ. राजेश पुरी ने एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड सीखने की जरूरत पर बातचीत करते हुए एक लाइव डेमो के माध्यम से इसकी डायग्नोस्टिक वैल्यू पर जोर डाला।
इसके बाद, डॉ. शुभम मेहता ने एंडोस्कोपी की मदद से पित्त की नली में पथरी और पैंक्रियास की नली के सिकुड़ जाने की समस्याओं का पता लगाने और इलाज करने के लिए लाइव डेमो दिया।
इसके बाद डॉ. अरुण सिंह भदौरिया ने “थर्ड स्पेस एंडोस्कोपी” यानि पेट की गंभीर बीमारियों का बिना बड़े ऑपरेशन के इलाज करने वाली एडवांस तकनीक का लाइव प्रदर्शन दिखाया। इसमें भोजन की नली या पेट की सिर्फ अंदरूनी सतह पर ही काम नहीं करते, बल्कि उसकी दीवार की परतों के बीच जाकर बीमारियों का इलाज करते हैं। यह शरीर पर कोई बड़ा चीरा लगाए बिना, अंदर ही अंदर ऑपरेशन करने जैसा है। डॉ भदौरिया ने बताया कि इन तकनीकों से भोजन नली की मांसपेशियों की जकड़न या शुरुआती स्टेज के ट्यूमर जैसी गंभीर समस्याओं का इलाज किया जाता है।
शाम के सत्र में आई.एस.जी. इंदौर सिटी चैप्टर की नई टीम की इंस्टॉलेशन सेरेमनी आयोजित की गई। इस समारोह में इंदौर चैप्टर के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ. एच.पी. यादव, सचिव डॉ. अतुल शेंडे, द्वारा नई कार्यकारिणी के अध्यक्ष डॉ अशमीत चौधरी और डॉ अमित अग्रवाल का कॉलर एक्सचेंज कर स्वागत किया।