स्वतंत्र समय, सीहोर
रुद्राक्ष महोत्सव 2024 कथा के अंतिम दिन अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ( Pradeep Mishra ) ने संगीतमय कथा प्रारंभ की पंडाल भगवान भोले के जयकारों से गूंज उठा। हर साल की तरह इस साल भी जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में जारी शिव महापुराण कथा में लोगों की आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। लाखों की संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे।
साढ़े पांच लाख स्क्वायर फीट में पंडाल छोटे पड़े
परिसर के 55 एकड़ से अधिक मैदान में साढ़े छह लाख से अधिक श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था के लिए डोम और पंडाल लगाए थे, इसके बाद भी पंडालों के बाहर भी लाखों की संख्या में लोगों की भीड़ मौजूद थी, हर कोई श्रद्धालु पूरी आस्था के साथ गुरुदेव के भजनों लगा लो गिरा जा रहा हूं उठा लो उठा लो, हम सबके कल्याण कर दे भोले बाबा, हर मुश्किल आसान कर दे भोले बाबा, ये दुनिया वाले जलते हैं भोले बाबा के भरोसे चलते हैं, श्री शिवाय नमुस्तभ्यं आदि भजनों की प्रस्तुति उपस्थित श्रोता जमकर झूमें। बुधवार को सभी पंडाल पूरी तरह से भरे हुए थे और पंडालों के बाहर भी लाखों की संख्या में लोगों की भीड़ मौजूद थी। तीन डोम के अलावा पांच से छह अलग-अलग टेंट बनाए गए हैं। आधा दर्जन गेटों से श्रद्धालुओं का प्रवेश रखा गया है। 500 एकड़ क्षेत्र में एक दर्जन पार्किंग तैयार की गई थी। इस मौके पर कथा के अंतिम समय पहुंचे बाबा रामदेव ने कहा कि मैं हजारों कार्यक्रम में जाता हूं, लेकिन आज तक इतना विशाल भक्ति का सैलाब कही नहीं देखा है, कुबेरेश्वरधाम भगवान भोले की आस्था का सबसे बड़ा केन्द्र है।
भगवान भोलेनाथ दयावान
कथा के अंतिम दिवस पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि भगवान भोले नाथ दयावान है। वे सारे पापों से मुक्ति दिलाने वाले हैं। जो भगवान शिव की भक्ति करता है उसके सारे कष्टों को मेरे भोले बाबा हर लेते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस परिसर में चलने वाली शिव महाकथा की पांडाल में जो व्यक्ति आते है अपने जीवन में बदलाव स्वयं महसूस करते है। ऐसे कई भक्त है जो कथा में आए और जिन्होंने अंतर आत्मा से शिवजी की भक्ति को स्वीकार किया उनके बिगडऩे वाले कार्य पूरे हो गए। उनके जीवन से कष्टों का हरण भगवान शिव ने किया। पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि 2023 में यशराज नायक कांवड यात्रा में आया था, लंबे समय से नौकरी के लिए भटक रहा था, लेकिन अब वह इंडियन आर्मी में चयनित हो गया। यह आस्था का परिणाम है, भगवान भोलेनाथ सबकी मनोकामनाएं पूर्ण करते है।
इस पांडाल में लोग अपनी श्रद्धा-आस्था और विश्वास के साथ शामिल हुए: उन्होंने कहा कि इस पांडाल में लोग अपनी श्रद्धा-आस्था और विश्वास के साथ शामिल हुए है। जो भक्त अपने जीवन की समस्या का हल चाहते है। वे भगवान शिव पर एक लौटा जल चढ़ाएं। वे बेल पत्र भगवान शिव को समर्पित करें। ऐसे श्रद्धावानों की भगवान कैलाश वाशी, महाकाल बाबा अवश्य सुनते है। झुकता वही है, जिसके सीने में जान है वरना अकड़ तो मुर्दे की पहचान है, जो जितना झुकता है वह उतना ही आगे बढ़ जाता है। माया और काया का अहंकार नहीं करना चाहिए। भगवान की भक्ति सबसे पहले हमारे अहंकार को नष्ट करती है।
माया और भक्ति के अंतर को बताया: गुरुदेव पंडित श्री मिश्रा ने कहा कि माया और भक्ति के अंतर को बताया। प्रभु की माया हमें प्रभु से दूर करने के लिए है। माया का कार्य ही है कि हमें प्रभु से दूर करना। माया जीव और शिव का मिलन नहीं होने देती। माया एक तरह से हमारी परीक्षा लेती है और इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर ही हम प्रभु तक पहुंच सकते हैं। माया के लालच में जीव नाचने लगता है और भक्ति में भगवान भक्त के हो जाते है। जन्म-जन्म के संस्कारों के कारण ही व्यक्ति की अच्छी या बुरी धारणाएं बनती है। इसे ही कर्मों का निर्घातक कहलाता है। परमात्मा कहते हैं कि वह पाप दृष्टि के कारण ही नकारात्मक चिंतन करता है। जिन कर्मों के कारण से नकारात्मक विचार मन में आते हैं उसके कारण को मिटाया जाए तो वह सकारात्मक बन सकता है।
250 किलोमीटर दूर से पैदल चलकर आए आए दंपत्ति: सागर क्षेत्र के नव दंपत्ति ने कथा का श्रवण करने के लिए करीब 250 किलोमीटर पैदल ही यहां पर शिव महापुराण के श्रवण करने के लिए आए थे। दंपत्ति का कहना है कि भगवान भोलेनाथ ने उनकी मनचाही मुराद पूरी की है। इसलिए वह नंगे पैर ही यहां पर शिव महापुराण के श्रवण करने के लिए आए है। गुरुदेव पंडित श्री मिश्रा सहित समिति ने जोड़े का स्वागत किया। इस मौके पर समिति की ओर से पंडित समीर शुक्ला, विनय मिश्रा, आशीष वर्मा, यश अग्रवाल आदि शामिल थे।
15 मई से रुद्राक्ष वितरण किया जाएगाः Pradeep Mishra
विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि गुरुदेव प्रदीप मिश्रा ( Pradeep Mishra ) ने कथा के दौरान बताया कि आगामी 15 मई से धाम पर आने वाले श्रद्धालुओं को निशुल्क रूप से नौ कांउडरों के द्वारा रुद्राक्षों का वितरण किया जाएगा। इस दौरान अन्य इंतजाम भी समिति के द्वारा किए जाऐंगे।