विपिन नीमा, इंदौर
इंदौर के चौराहों की ट्रैफिक सुगम बनाने के लिए शहर के 11 अतिव्यस्त चौराहों पर अंडर पास या फ्लाय ओव्हर ब्रिज बनाने फीजिबिलिटी स्टेडी ( feasibility survey ) की जा रही है। वर्तमान में इंदौर लगभग 35 से 40 लाख आबादी वाला शहर हो गया है और शहर की सडक़ों पर करीब 30 लाख वाहन दौड़ रहे है। जनसंख्या और वाहनों की संख्या तेजी से बढऩे के कारण शहर के सभी प्रमुख सडक़े और चौराहे वाहनों से पटे रहते है। वाहनों का फ्लो अधिक होने से पैदल चलने वालों को भी परेशानी होती है। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुगम बनाने के लिए अधिकारियों और विशेषज्ञों ने कई प्रयोग किए, लेकिन ये प्रयोग सही साबित नहीं हुए है। इसी कारण शहर में फ्लाय ओव्हर ब्रिज बनाए जा रहे है। फीजिबिलिटी सर्वे के लिए आईडीए ने पिछले दिनों टैंडर जारी किए थे इसमें चार कम्पनियों ने हिस्सा लिया है। फाइनेंशली बीट ओपन होने के बाद पता चलेगा की कौन सी कम्पनी शहर के 11 चौराहों पर स्टडी करेंगी।
जल्द ही शुरू होगा चौराहों का feasibility survey
शहर के प्रमुख मार्गों पर बढ़ते यातायात के दबाव को देखते हुए अब प्रमुख चौराहों पर भी अंडर पास या फ्लाईओवर की जरुरत नजर आने लगी है। शहर में अभी चौराहों पर एक भी फ्लाईओवर शुरू नहीं हो सका है, जबकि रेलवे क्रॉसिंग पर ज्यादातर ब्रिज बने हैं। इसके अलावा आईडीए ने भी शहर के 11 चौराहों परअंडर पास या फ्लाईओवर बनाने का फैसला लिया है। इसके लिए फीजिबिलिटी सर्वे ( feasibility survey ) शुरू किया जाएगा। इसके लिए आईडीए ने टेंडर जारी शुरु कर दी है। टैंडर में जिन चार कम्पनियों ने हिस्सा लिया है उनमें टेक्नोजेम कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स आकार अभिनव कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड , वीकेएस इंफ्राटेक मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड और मोनार्क सर्वेयर्स एंड इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स शामिल है। हालांकि अभी फाइनेंशली बीट ओपन होना बाकी है।
ये है 11 व्यस्त चौराहों का होगा फीजिबिलिटी सर्वे…
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जंजीरवाला चौराहा
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टॉवर चौराहा
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अग्रसेन चौराहा
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गौपूर चौराहा
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मधुमिलन चौराहा
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घंटाघर चौराहा
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छावनी चौराहा
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पत्रकार कालोनी चौराहा
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एग्रीकल्चर कालोनी चौराहा
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आजाद नगर चौराहा
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चाणक्यपुरी चौराहा
अंडर पास या फ्लायओव्हर की संभावनाएं तलाशी जाएंगी
बताया गया है कि शहर के ये 11 चौराहे ऐसे है जिन पर सुबह से लेकर रात तक वाहनों की आवाजाही बनी रहती है। इन चौराहों में कुछ चौराहों और तिराहों की हालत इतनी खराब है की कोई भी चौराहे पर ठहरना नहीं चाहता । इन चौराहों को सुधारने और वाहनों का दबाव कम करने के लिए अंडर पास या फ्लाय ओव्हर ब्रिज बनाने की प्लानिंग की जा रही है। जो भी कम्पनी इन चौराहों का फीजिबिलिटी सर्वे करेंगी तो वह इस बात का मुख्य रुप से अध्ययन करेंगी की किन चौराहों पर अंडर पास की आवश्यकता है और किन चौराहों पर फ्लाय ओव्हर की जरुरत है और किन चौराहों को चौड़ाकरने की आवश्यकता है, यह देखा जाएगा की इन चौराहों पर दिनभर में हेवी व्हीकल गुजरते है और सबसे ज्यादा किस तरह के वाहनों का आना जाना लगा रहता है।, साथ ही पैदल चलने वाले लोगों की लिए ये चौराहे कितने सुरक्षित है। इन चौराहों पर अंडर पास या फ्लाय ओव्हर ब्रिज बनने से ट्रैफिक का दबाव भी कितना कम होगा। इन सभी मुद्दों पर अध्यन होगा।
हर चौराहे की तैयार होगी रिपोर्ट
आईडीए से मिली जानकारी के मुताबिक टैंडर प्रक्रिया में जिन चार कम्पनियों ने हिस्सा लिया है, उनकी फाइनेंशली बीट ओपन होने वाली है। टैंडर की शर्तों के मुताबिक जो भी कम्पनी इन 11 चौराहों पर अध्ययन करेंगी सभी चौराह की अलग अलग रिपोर्ट तैयार करना होगी। रिपोर्ट तैयार होने के बाद नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और सांसद शंकर लालवानी की मौजूदगी में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक आयोजित होगी। इसी बैठक में प्रत्येक चौराहे की रिपोर्ट पर चर्चा होगी।