मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद बदली इलाके की पहचान, अब ‘हरिहर नगर’ के नाम से जाना जाएगा क्षेत्र, भव्य प्रवेश द्वार निर्माण का भी ऐलान

मध्य प्रदेश के भोपाल–इंदौर राजमार्ग पर सफर करने वाले लोगों को जल्द ही एक ऐतिहासिक और भव्य दृश्य देखने को मिलेगा। इस मार्ग पर एक विशाल प्रवेश द्वार का निर्माण किया जाएगा, जिसे ‘राजा विक्रमादित्य द्वार’ नाम दिया गया है। यह द्वार राहगीरों के लिए केवल एक प्रवेश बिंदु नहीं होगा, बल्कि मध्य प्रदेश की गौरवशाली संस्कृति और इतिहास का प्रतीक भी बनेगा। खास बात यह है कि इसका स्वरूप उज्जैन में बने प्रवेश द्वार की तर्ज पर तैयार किया जाएगा, जिसमें सम्राट विक्रमादित्य के शौर्य, पराक्रम और न्यायप्रियता को कलाकृतियों के माध्यम से उकेरा जाएगा। इस भव्य परियोजना पर लगभग 5 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

शनिवार को राजधानी भोपाल के फंदा क्षेत्र स्थित शासकीय महाराणा प्रताप स्कूल परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस द्वार के निर्माण का विधिवत भूमिपूजन किया। इस अवसर पर उन्होंने एक अहम घोषणा करते हुए फंदा क्षेत्र का नाम बदलकर ‘हरिहर नगर’ रखने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री के इस निर्णय के बाद अब यह क्षेत्र एक नए नाम और नई पहचान के साथ जाना जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में प्रदेश के चहुंमुखी विकास की दिशा में मेट्रोपॉलिटन सिटी योजना का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि भोपाल, सीहोर, विदिशा, रायसेन और नर्मदापुरम को मिलाकर एक बड़े मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही इंदौर के आसपास धार, उज्जैन, देवास और शाजापुर को जोड़कर दूसरे महानगर के निर्माण की योजना पर भी तेजी से काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के अनुसार, इस योजना से रोजगार, उद्योग और आधारभूत सुविधाओं का तेजी से विस्तार होगा।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पार्टी पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर जनकल्याणकारी योजना में राजनीति करती है। लाड़ली बहना योजना का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की महिलाओं को हर महीने आर्थिक सहायता दी जा रही है, लेकिन कांग्रेस को यह जनहित का कार्य रास नहीं आ रहा है। उन्होंने दो टूक कहा कि सरकार का उद्देश्य जनता का भला करना है, न कि राजनीति करना।

स्थानीय विकास से जुड़ी कई अहम घोषणाएं भी इस कार्यक्रम में की गईं। विधायक रामेश्वर शर्मा की मांग पर मुख्यमंत्री ने तूमड़ा हाई स्कूल की नई इमारत के निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी। इसके अलावा फंदा में नए कॉलेज भवन के निर्माण और धामनिया में उद्योग केंद्र स्थापित करने की घोषणा भी की गई। कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री चैतन्य काश्यप, विधायक भगवानदास सबनानी, महापौर मालती राय समेत कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे।

राजा विक्रमादित्य द्वार की बनावट भी बेहद आकर्षक और भव्य होगी। इंदौर से भोपाल की ओर प्रवेश करते समय यह द्वार लोगों का स्वागत करेगा। लगभग 24.4 फीट ऊंचे इस गेट के शीर्ष पर सम्राट विक्रमादित्य की भव्य प्रतिमा या आकृति स्थापित की जाएगी। सिक्सलेन सड़क पर बनने वाले इस प्रवेश द्वार को तीन मजबूत पिलरों के सहारे खड़ा किया जाएगा। इसकी कुल चौड़ाई करीब 30 मीटर होगी, जबकि बीच में 5 मीटर चौड़ा सेंट्रल वर्ज बनाया जाएगा, जहां हरियाली के लिए पौधरोपण किया जाएगा। भारतीय कला और स्थापत्य शैली से सजा यह द्वार आने वाले समय में भोपाल–इंदौर मार्ग की पहचान बन सकता है।