खाद्य विभाग की समीक्षा: CM यादव ने सराहा ई-केवाईसी अभियान, 34 लाख अपात्रों के नाम हटने से हर महीने 32 करोड़ की बचत

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की समीक्षा बैठक में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत चल रही ई-केवाईसी प्रक्रिया की जमकर सराहना की है।

उन्होंने विभाग के अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि तकनीक के सही इस्तेमाल से न केवल पारदर्शिता आई है, बल्कि वास्तविक जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाना आसान हुआ है।

समीक्षा बैठक के दौरान यह जानकारी सामने आई कि प्रदेश में पीडीएस के अंतर्गत कुल 536.23 लाख हितग्राही पंजीकृत थे। इनमें से 497.08 लाख हितग्राहियों का ई-केवाईसी (e-KYC) पूरा कर लिया गया है। इस सत्यापन प्रक्रिया के बाद एक बड़ा खुलासा हुआ। करीब 34.87 लाख ऐसे नाम पोर्टल से हटाए गए जो या तो अपात्र थे या अस्तित्व में नहीं थे।

हर महीने 32 करोड़ से ज्यादा की बचत

इन अपात्र नामों के विलोपन से राज्य सरकार को प्रतिमाह लगभग 32.43 करोड़ रुपये की बचत हो रही है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बचत का सीधा लाभ उन लोगों को मिला है जो कतार में थे। विभाग ने प्रतीक्षा सूची में शामिल लगभग 14 लाख नवीन हितग्राहियों को पात्रता पर्ची जारी कर दी है और उन्हें अब नि:शुल्क खाद्यान्न का वितरण शुरू हो गया है।

प्रशासन की सक्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि केवाईसी पूरा होने के महज 72 घंटों के भीतर पात्रता पर्ची जारी की जा रही है।

पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार

बैठक में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के आंकड़ों पर भी चर्चा हुई। प्रदेश में 5.25 करोड़ से अधिक हितग्राहियों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। सरकार ने अब तक 22,800 करोड़ रुपये की लागत का 66.25 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न नि:शुल्क वितरित किया है।

इसके अलावा, लाड़ली बहना योजना और उज्ज्वला योजना की हितग्राही महिलाओं को पिछले दो वर्षों में गैस रिफिल के लिए 911.3 करोड़ रुपये की अनुदान राशि दी गई है।

तकनीक से निगरानी और नए सुधार

राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए कई तकनीकी कदम उठाए गए हैं:

  • एसएमएस अलर्ट: पात्र हितग्राहियों के मोबाइल पर राशन सप्लाई की सूचना एसएमएस के जरिए भेजी जा रही है।

  • जीपीएस ट्रैकिंग: ‘मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना’ के वाहनों में जीपीएस लगाया गया है, जिसकी मॉनिटरिंग सीधे स्टेट लेवल से की जा रही है।

  • आधुनिक पीओएस मशीनें: उचित मूल्य दुकानों पर अब आधुनिक पीओएस (PoS) मशीनें लगाई जाएंगी।

  • ऐप से निगरानी: वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन की गतिविधियों की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए ‘इमेजिनेशन मेजरमेंट ऐप’, ‘फ्यूमिगेशन ऐप’ और ‘इंस्पेक्शन ऐप’ तैयार किए गए हैं।

किसानों के लिए बोनस और प्रोत्साहन

किसानों के हित में भी सरकार ने अहम फैसले लिए हैं। वर्ष 2024-25 में गेहूं के समर्थन मूल्य पर 125 रुपये का बोनस दिया गया, जिसे वर्ष 2025-26 में बढ़ाकर 175 रुपये किया जाएगा। वहीं, खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को ‘मुख्यमंत्री कृषि उन्नति योजना’ के तहत प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा।

सिंहस्थ 2028 की तैयारियां शुरू

आगामी सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए विभाग ने अभी से प्रस्ताव तैयार कर लिए हैं। मेला क्षेत्र में 40 उचित मूल्य दुकानों की स्थापना की जाएगी। अखाड़ों की मांग के अनुसार अस्थाई राशन कार्ड जारी करने और उन्हें अस्थाई गैस कनेक्शन देने का भी प्रस्ताव है।

इसके अलावा, गोदामों की छतों पर सोलर पैनल लगाने और इंदौर जिले की 30 उचित मूल्य दुकानों को ‘जन पोषण केंद्र’ के रूप में अपग्रेड करने का निर्णय लिया गया है। शहरी गैस वितरण को सुगम बनाने के लिए जिला स्तर पर सिंगल विंडो पोर्टल का भी शुभारंभ किया गया है।