Food Safety Campaign : हाल ही में इंदौर में जिला प्रशासन ने फूड सेफ्टी अभियान तेज कर दिया है। इस अभियान का उद्देश्य स्टूडेंट्स की सेहत पर विशेष ध्यान देना है, ताकि वे स्वस्थ रहे। इसके लिए फूड सेफ्टी की टीम शहर के स्कूलों, कॉलेजो और होस्टल के किचन और कैंटिन में खाद्य सामग्रियों की जांच कर रही है।
आपको बता दें कि दो दिनों में जांच के दौरान शहर के 7 बड़े स्कूलों से सैंपल लिए गए है। हालाकि इन में से कुछ संस्थानों पर स्वच्छता और दस्तावेजों में कमी पाई गई। वहीं इन स्कूलो और कॉलेज के किचन और केंटिन से जो सैंपल लिए गए है उन्हें जांच के लिए भोपाल लैब में भेजा जा रहा है।
आपको बता दें कि फूड सेफ्टी अभियान के तहत ये कार्यवाही 4 जुलाई को जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक के बाद हुई। इसमें इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने अधिकारियों को नए शैक्षणिक सत्र से पहले निरीक्षण तेज करने के निर्देश जारी कर दिये है। साथ ही एडीएम गौरव बैनल द्वारा इस अभियान की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।
आपको बता दें कि ये निरीक्षण खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के अंतर्गत किया जा रहा है। बतादे कि फूड सेफ्टी अभियान के दौरान कुछ किचन में सफाई के स्तर संतोसजनक पाया गया लेकिन कुछ स्कूलों में दस्तावेजो की कमी पाई गई। इनमें खाद्य सुरक्षा लाइसेंस यौ वैधता खत्म होना और खरीदी के अधूरे रिकॉर्ड जैसी खामियां पाई गई।
इस निरीक्षण के बाद अधिकारियों ने स्कूलो और कैंटीन संचालको को व्यक्तिगत तौर पर स्वच्छता रखने के निर्देश दिए है। साथ ही उन्हें कहा कि पानी की जांच प्रमाणिक लैब में कराए और कीट नियंत्रण करवाएं। इन सभी खामियों को सुधारने के लिए अधिकारियों ने स्कूलो और कैंटीन संचालको को 15 दिन की समयसीमा दी है। इसके बाद दोबारा निरीक्षण होगा और फिर से इन खामियों पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत उचित कार्यवाही की जाएगी।