Raksha Bandhan 2025: रक्षाबंधन का त्योहार सिर्फ एक दिन का उत्सव नहीं, बल्कि भाई-बहन के प्यार का गहरा प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और उसकी लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना करती हैं। लेकिन एक सवाल जो हर साल मन में आता है कि राखी को कितने दिनों तक कलाई पर बांधे रखना चाहिए? आइए जानते हैं इसका उत्तर धर्म और परंपराओं के अनुसार।
राखी सिर्फ एक धागा नहीं, भाई की रक्षा का वचन है
राखी को सनातन धर्म में “रक्षा सूत्र” कहा जाता है। यह कोई आम धागा नहीं, बल्कि भाई की रक्षा और बहन के स्नेह का प्रतीक होता है। इसलिए इसे बांधने के बाद तुरंत हटाना शुभ नहीं माना जाता।
कम से कम 15 दिन तक रखें राखी
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राखी को पूर्णिमा के दिन बांधने के बाद अगले 15 दिनों तक कलाई पर बांधे रखना शुभ होता है। इस अवधि को “पंद्रह दिन का त्योहार” भी कहा जाता है। माना जाता है कि इस दौरान राखी एक सुरक्षा कवच बनकर भाई को बुराई से बचाती है।
जन्माष्टमी तक राखी रखना माना गया है शुभ
कुछ मान्यताओं के अनुसार, राखी को जन्माष्टमी तक कलाई पर रखना बहुत लाभकारी होता है। 2025 में रक्षाबंधन 9 अगस्त को है और जन्माष्टमी 15 अगस्त को। ऐसे में यदि राखी को इस दिन तक बांधे रखें, तो यह भाई को आध्यात्मिक रूप से भी सुरक्षा प्रदान करता है।
कई जगह दशहरे तक राखी पहनने की परंपरा
देश के कुछ हिस्सों में राखी को दशहरे तक पहनने का रिवाज है। दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और राखी को तब तक पहनना भाई के लिए हर संकट से बचाव का एक माध्यम माना जाता है।
16वें दिन करें राखी का सम्मानजनक विसर्जन
ज्योतिष के अनुसार, 16 दिन बाद राखी को किसी पवित्र जल में प्रवाहित करना या वृक्ष के नीचे रखना सबसे उचित होता है। ऐसा करने से यह रक्षा सूत्र भाई की सारी नकारात्मक ऊर्जा को अपने साथ लेकर चला जाता है।
राखी को कभी भी फेंकें नहीं
ध्यान रखें, राखी कोई साधारण धागा नहीं, यह एक पवित्र प्रतीक है। इसे कभी भी कूड़ेदान में फेंकना अशुभ माना जाता है। अगर पास में नदी न हो, तो इसे तुलसी के पौधे के पास रखकर प्रार्थना करें और सम्मानपूर्वक विदाई दें।
Disclaimer : यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। स्वतंत्र समय इसकी प्रामाणिकता या वैज्ञानिक पुष्टि का समर्थन नहीं करता है।