टूरिस्टों के लिए पहली बार शिपकी ला अब बॉर्डर तक देख सकेंगे आम लोग, जानिए कैसे और किन शर्तों पर मिलती है एंट्री

भारत में कई ऐसी जगहें हैं जो सिर्फ खूबसूरती ही नहीं, ऐतिहासिक और रणनीतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। ऐसी ही एक जगह है शिपकी ला पास (Shipki La), जो दशकों तक आम लोगों की नजरों से दूर रही। लेकिन अब, आज़ादी के 75 साल बाद पहली बार यह दरवाज़ा पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। इस खबर ने एडवेंचर और बॉर्डर ट्रैवल पसंद करने वालों में उत्साह भर दिया है।

 कहां है शिपकी ला?

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में स्थित शिपकी ला, समुद्र तल से करीब 3,930 मीटर की ऊंचाई पर बसा है। यह शिमला से लगभग 350 किमी दूर है। ये पास भारत-तिब्बत सीमा पर स्थित है, और यहां से तिब्बत का पहला गांव ‘शिपका ला’ साफ नजर आता है। यानी आप अपनी आंखों से चीन को इतने नजदीक से देख सकते हैं जितना शायद किसी और प्वाइंट से नहीं।

 क्यों था अब तक बंद?

शिपकी ला एक समय भारत-तिब्बत के बीच व्यापारिक रूट था। लेकिन 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद इसे संवेदनशील क्षेत्र घोषित कर दिया गया और आम नागरिकों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया था। तब से अब तक यहां सिर्फ सेना और कुछ चुनिंदा अधिकारियों की ही पहुंच थी।

 भारत-चीन बॉर्डर सिर्फ 300 मीटर दूर

यहां से चीन (तिब्बत) की सीमा सिर्फ 300 मीटर दूर है। इतना ही नहीं, ITBP यहां जल्द कैफेटेरिया भी शुरू करने जा रही है। पर्यटक यहां से चीन की सरहद, हिमालय की बर्फीली चोटियां और भारतीय सैनिकों की तैनाती को नजदीक से देख सकते हैं।

 कैसे पहुंचें शिपकी ला?

भारत सरकार ने बॉर्डर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल की है। इसी के तहत 8 जून 2025 से हिमाचल प्रदेश के शिपकी ला पास को पहली बार भारतीय पर्यटकों के लिए खोला गया है। अब यहां जाने के लिए किसी विशेष परमिट की जरूरत नहीं है, केवल आधार कार्ड दिखाकर एंट्री मिल जाती है। हालांकि, यहां प्रतिदिन केवल 50 भारतीय पर्यटकों को ही जाने की अनुमति दी जाती है। विदेशी नागरिकों की एंट्री पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इसके अलावा, यहां रात में रुकना मना है और सभी को शाम से पहले वापस लौटना जरूरी है।