इंदौर संभाग में पहली बार परिवहन विभाग ने एक साथ 15 साल से अधिक पुरानी 135 यात्री बसों पर कड़ी कार्रवाई शुरू की है। जांच में पाया गया था कि ये बसें स्टेज कैरिज परमिट पर संचालित हो रही थीं, जबकि परमिट की शर्तों के अनुसार 15 वर्ष से पुराना वाहन किसी भी स्थिति में सड़क पर नहीं चल सकता। बस मालिकों को नोटिस देकर पुराने वाहनों को अपडेटेड मॉडल से बदलने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन समय सीमा बीतने के बाद भी अधिकांश ऑपरेटरों ने वाहनों का प्रतिस्थापन नहीं किया।
73 बसों के परमिट निरस्त, बाकी पर कार्रवाई जारी
क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण के अध्यक्ष और संभागायुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने 135 बसों में से 73 के स्थाई परमिट निरस्त कर दिए हैं। शेष 62 बसों पर भी निरस्ती की प्रक्रिया चल रही है, और इन्हें अगले कार्य दिवस में रद्द कर दिया जाएगा। यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी ताकि सड़क पर पुराने और जोखिमपूर्ण वाहनों का संचालन रोका जा सके। परिवहन विभाग के सचिव मनीष सिंह ने भी स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि स्टेज कैरिज परमिट पर 15 वर्ष से अधिक पुरानी बसें किसी भी हाल में नहीं चलेंगी।
कलेक्टर ने दी सख्त चेतावनी, नए आवेदनों की गहन जांच
कलेक्टर शिवम वर्मा ने बस ऑपरेटरों के साथ बैठक कर चेतावनी दी कि पुराने वाहनों का संचालन नियमों के खिलाफ है और इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 4 नवंबर 2025 को क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण द्वारा स्थाई परमिटों के 398 आवेदन सुने गए। अब इन आवेदनों की विस्तार से जांच की जा रही है।
जिन वाहनों की उम्र 15 वर्ष से अधिक है, उनके आवेदन स्वतः निरस्त होंगे। उपयोगी समयचक्र पर चल रही वाहनों को प्राथमिकता मिलेगी, जबकि अनावश्यक प्रतिस्पर्धा पैदा करने वाले आवेदनों को खारिज किया जाएगा।
21 साल बाद प्रदेश की सड़कों पर लौटेंगी सरकारी बसें
प्रदेश में सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। मुख्यमंत्री सुगम परिवहन योजना के अंतर्गत सरकार ने यात्री परिवहन एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नामक नई कंपनी गठित की है। इसके माध्यम से 21 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद फिर से सरकारी बसें प्रदेश की सड़कों पर दौड़ेंगी।
अप्रैल 2026 से इसकी शुरुआत इंदौर से होगी। नए रूट निर्धारित किए जा चुके हैं, जिन पर निजी ऑपरेटरों की बसें सरकार के कॉन्ट्रैक्ट के तहत चलेंगी। इस व्यवस्था से पूरे सिस्टम पर सरकारी निगरानी सुनिश्चित होगी। योजना में भी केवल नए और सुरक्षित मॉडल की बसों को ही अनुमति दी जाएगी।
यात्रियों को मिलेगी सुरक्षित और सुविधाजनक सेवा
सरकार के इस निर्णय से न केवल पुराने और असुरक्षित वाहनों का संचालन बंद होगा, बल्कि आधुनिक और सुरक्षित बसों का उपयोग बढ़ेगा। इससे प्रदेश के नागरिकों को बेहतर, सुरक्षित और भरोसेमंद परिवहन सुविधा उपलब्ध होगी।