स्वतंत्र समय, भोपाल
फॉरेस्ट मुख्यालय में संरक्षण शाखा के आईएफएस ( IFS ) अधिकारी पीसीसीएफ दिलीप कुमार के खिलाफ वन विभाग ने आरोप-पत्र जारी किया है। इसकी मंजूरी सीएम मोहन यादव ने दी है। खासकर ये आरोप पत्र दिलीप कुमार के रिटायर होने से छह दिन पहले जारी किया गया है, जिससे इनके द्वारा लगाई की सरकार को 22 लाख की चपत की वसूली पेंशन से की जा सके।
IFS अफसर ने बिना अनुमति प्रकाशन पर खर्च किया
गौरतलब है कि आईएफएस ( IFS ) अधिकारी दिलीप कुमार ने वर्ष 2022-23 में राज्य लघु वनोपज संघ में अतिरिक्त प्रबंध संचालक के तौर पर राज्य सरकार से बिना अनुमति लिए 22 लाख रुपए से अधिक खर्चा स्वयं की तीन किताबों के प्रकाशन पर कर दिया था। इनके द्वारा प्रकाशित कराई गई तीनों किताबों का कापीराइट भी इन्होंने अपने नाम से रखा था। जबकि शासकीय व्यय से प्रकाशित किताब का कापीराइट सरकार के पास ही रहता है ना कि अधिकारी के व्यक्तिगत नाम से। इन तीन किताबों के निजी एजेन्सी से प्रकाशन में जो तीन अनुबंध हुए थे। उनमें भी कापीराईट दिलीप कुमार ने अपने व्यक्तिगत नाम से रखे थे। सरकार को 22 लाख से अधिक की चपत लगाने के बाद 31 जुलाई को दिलीप कुमार सेवानिवृत्त होने वाले है, उससे पहले ही सरकार ने उन्हें आरोप पत्र थमा दिया है।
सरकारी नियम के मुताबिक, किसी रिटायर अफसर या कर्मचारी द्वारा किए गए गबन, अनियमितता में राशि की वसूली करने के लिए कैबिनेट से मंजूरी लेनी पड़ती है। आरोप पत्र देने के लिए भी कैबिनेट की मंजूरी जरूरी है। इसके चलते सरकार ने 31 जुलाई से पहले आरोप पत्र जारी कर उनकी ग्रेच्युटी रोकने की तैयारी की है। हालांकि विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विधायक नारायण सिंह पट्टा ने 5 जुलाई को यह मुद्दा सदन में उठाया था, जिसके जवाब में सरकार ने कहा था कि बिना अनुमति के किताबों के प्रकाशन मामले में दिलीप कुमार पर कार्रवाई करने का मामला परीक्षण में है। अब विभाग में नए एसीएस अशोक वर्णवाल के आते ही दिलीप कुमार को आरोप पत्र जारी किया गया है।