मध्य प्रदेश की भोजपुर सीट से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटवा पर कानूनी शिकंजा कस गया है। इंदौर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मंगलवार को उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि उन्हें गिरफ्तार कर 16 सितंबर को अदालत में पेश किया जाए। यह वारंट उनके खिलाफ दर्ज धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात) और 120B (आपराधिक साजिश) के मामलों में जारी हुआ है।
सीबीआई की कार्रवाई और धोखाधड़ी का केस
अक्टूबर 2021 में सीबीआई ने सुरेंद्र पटवा और उनकी पत्नी के खिलाफ बैंक ऑफ बड़ौदा, इंदौर शाखा की शिकायत पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। आरोप है कि बैंक से लिए गए लोन और उससे जुड़े लेन-देन में गंभीर गड़बड़ियाँ की गईं। इसके आधार पर उन पर धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
सुरेंद्र पटवा भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा के भतीजे हैं। वे रायसेन जिले की भोजपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं और शिवराज सिंह चौहान सरकार में पर्यटन मंत्री भी रह चुके हैं।
चेक बाउंस और अन्य मामले
पटवा पर वित्तीय गड़बड़ियों से जुड़े कई मामले पहले से लंबित हैं। उनके खिलाफ 70 से अधिक चेक बाउंस केस विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं। इनमें से कई मामलों में सुनवाई हाईकोर्ट तक पहुंच चुकी है। कुछ मामलों में उन्हें अंतरिम राहत भी मिली थी, लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
सात साल पहले भी कुर्की का आदेश
सुरेंद्र पटवा पर वित्तीय विवाद कोई नया नहीं है। सात साल पहले इंदौर कलेक्टर की अदालत ने उनकी 33.45 करोड़ रुपए की बकाया राशि न चुकाने पर संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया था। यह मामला 2014 में बैंक से लिए गए 36 करोड़ रुपए के लोन से जुड़ा था। लोन चुकता न करने पर 2017 में बैंक ने इसे एनपीए घोषित किया और डीआरटी तक मामला पहुँचा।
सुप्रीम कोर्ट से भी झटका
अप्रैल 2025 में पटवा को सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ा झटका लगा। अलग-अलग बैंकों में फर्जी खाते खोलने के मामले में सीबीआई की FIR को हाईकोर्ट ने पहले निरस्त कर दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 25 अप्रैल 2025 को हाईकोर्ट का यह फैसला पलटते हुए कहा कि आपराधिक मामलों में FIR दर्ज करने से पहले आरोपी का पक्ष सुनना अनिवार्य नहीं है। साथ ही, मामला दोबारा हाईकोर्ट को भेज दिया गया।
फर्जी बैंक खातों का खुलासा
आरबीआई की जांच में कई बैंकों, जिनमें एसबीआई भी शामिल है, में सुरेंद्र पटवा और उनके सहयोगियों विजय सोनी और राजीव सोनी के नाम पर संदिग्ध खाते पाए गए थे। इस आधार पर सीबीआई ने FIR दर्ज की थी। जुलाई 2023 में हाईकोर्ट ने यह FIR निरस्त कर दी थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इसे बहाल कर दिया है।