कैबिनेट बैठक : राज्य सरकार ने मानसून में बादल फटने और बाढ़ से घर खोने वालों के लिए राहत पैकेज का फैसला किया है। पूरी तरह से टूटे पक्के घर के लिए 7 लाख रुपये मिलेंगे, जिसमें 1.30 लाख केंद्र और बाकी राज्य सरकार देगी। आंशिक रूप से टूटे या कच्चे घर के लिए 1 लाख रुपये मिलेंगे, जिसमें 12,500 केंद्र और 87,500 रुपये राज्य सरकार देगी। अगर गोशाला पूरी तरह तबाह हो जाती है, तो सरकार 50,000 रुपये की मदद देगी। यह फैसला मुख्यमंत्री सुक्खू की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में लागू किया जाएगा, जिससे आपदा में घर गंवाने वाले लोगों को फिर से बसने में मदद मिल सके।
आपदा से नुकसान पर केंद्र-राज्य से डबल राहत, पशु-मकान-कृषि को मिलेगा मुआवजा
प्राकृतिक आपदा से नुकसान झेलने वाले लोगों को सरकार की तरफ से आर्थिक मदद दी जाएगी। मवेशियों के नुकसान पर, गाय या भैंस की मृत्यु होने पर 55,000 रुपये मिलेंगे इसमें केंद्र से 17,500 और राज्य से 37,500 रुपये दिए जाएंगे। दुकान या ढाबा पूरी तरह नष्ट होने पर 1,00,000 रुपये की सहायता दी जाएगी। खेती या बागवानी को नुकसान होने पर 10,000 रुपये की राहत दी जाएगी, जबकि भूस्खलन से हुए नुकसान पर 5,000 रुपये की मदद मिलेगी। गोशाला के क्षतिग्रस्त होने पर केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कुल 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता देंगी, जिसमें 10,000 केंद्र और 40,000 राज्य सरकार का हिस्सा होगा। नुकसान का आकलन स्थानीय राजस्व अधिकारी करेंगे।
वन संवर्धन योजना को लेकर कैबिनेट की बड़ी बैठक आज, ग्रीन हिल्स मिशन पर होगा फैसला
हिमाचल प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में राजीव गांधी वन संवर्धन योजना पर चर्चा होगी। इस योजना का उद्देश्य खराब और बंजर जमीन पर फलदार पेड़ लगाकर हरियाली बढ़ाना है। साथ ही महिला मंडलों, युवक मंडलों और स्वयं सहायता समूहों के ज़रिए लोगों को रोजगार देने और उनकी भागीदारी को बढ़ावा देना है। योजना वन विभाग में स्टाफ की कमी और पर्यावरणीय चुनौतियों को देखते हुए बनाई गई है। बैठक में पौधारोपण के लिए ज़मीन और मानदेय तय होगा। साथ ही निजी कंपनियों को शामिल करने की ग्रीन एडॉप्शन स्कीम और कांगड़ा एयरपोर्ट विस्तार की समय सीमा बढ़ाने पर भी फैसला होगा।