3.34 करोड़ की fraud, शेयर बाजार के आईपीओ में किया था इंवेस्टमेंट

स्वतंत्र समय, ग्वालियर

ग्वालियर में एक व्यापारी को ठगों ( fraud ) ने शेयर बाजार के आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) में पैसा इंवेस्टमेंट कराकर ठगों ने अपने जाल में फंसाया है। ठगों ने आईसीआईसीआई सिक्योरिटी एनएसई बीएसई 302 नाम से एक वॉटसएप ग्रुप का लिंग व्यापारी को भेजा था। उनका अकाउंट इस बैंक में था तो उनको लगा कि बैंक की ओर से ही ऑफर है। जिस पर उन्होंने कुछ रुपए इंवेस्ट किए और उनको अच्छा लाभ भी मिला। इसके बाद उनको शेयर बाजार के आईपीओ में इंवेस्टमेंट के लिए ऑफर दिया। व्यापारी ने करीब 27 लाख 71 हजार रुपए लगा दिए। उसमें भी उनको फायदा मिला और वो वैसा उन्होंने दूसरे आईपीओ में लगाए। जो बढक़र अब 3 करोड 34 लाख 9540 रुपए हो गए हैं। जब व्यापारी ने रुपए निकालने का प्रयास किया तो यह रकम अब नहीं निकल रही है। संपर्क करने पर 15 प्रतिशत एडवांस जमा करने कहा जा रहा है। जब व्यापारी आईसीआईसीआई बैंक पहुंचे तो पता लगा कि न तो वह ग्रुप उनका है न ही उन्होंने कोई ऑफर दिया है। ठगी का अहसास होते ही पीडि़त ने एसपी ऑफिस पहुंचकर शिकायत की है। मामला जांच में ले लिया गया है।

ऐसे किया fraud

ठगी ( fraud ) के शिकार हुए शहर के महाराजपुरा स्थित शताब्दीपुरम फेस-2 निवासी जितेन्द्र कुमार तिवारी व्यापारी हैं। उंन्होंने बताया कि शिकायत में उन्होंने बताया है कि चार फरवरी 2024 को उनके मोबाइल पर आईसीआईसीआई सिक्योरिटीस एनएसई बीएसई 302 के नाम से एक व्हाट्सप्प ग्रुप का लिंक आया। उनका अकाउंट आईसीआईसीआई बैंक में ही है इसलिये उन्होंने वॉटसएप ग्रुप ज्वाइन कर लिया। इसके बाद जितेन्द्र के पास शेयर बाजार से जुड़े मैसेज आने लगे। इसके बाद व्हाट्सएप ग्रुप पर आए आईसीआईसीआई सिक्योरिटी के एप्प के लिंक को डाउनलोड कर उस एप पर कुछ शेयर खरीदे और बेचे। जिसका उसको प्रॉफिट सहित पूरा पैसा मिला। उसके बाद जितेन्द्र को शेयर बाजार के आईपीओ पैसा लगावाने की सलाह दी गयी तो वो तैयार हो गया। क्योंकि उनको अभी तक शेयर ट्रेडिंग का पैसा भी मिला और फायदा भी हुआ, जिस कारण वह काफी उत्साहित नजर आए।

ठग बोले-इंटरनेशनल एप है इसलिए डायरेक्ट पैसा नहीं जाएगा

जब जितेन्द्र कुमार शेयर बाजार के आईपीओ में इंवेस्टमेंट के लिए तैयार हो गए। जिस पर एप्प से डायरेक्शन मिला की यह आईसीआईसीआई सिक्योरिटी इंटरनेशनल ऐप है, तो इसमें डायरेक्ट पैसा जमा नहीं कर सकते हैं। इसके लिए हम अकाउंट नंबर देंगे उसमें पैसा जमा करना होगा। उसके बाद उन्होंने जितेन्द्र से अलग अलग अकाउंट में कुल 27 लाख 71 हजार 800 रुपए जमा करवा लिए। जमा किए हुए रुपए बाकायदा उनके अकाउंट में आईपीओ के शेयर के रूप में दिख रहे थे जब आईपीओ की लिस्टिंग डेट आई तो उसके पैसे का प्रॉफिट बढ़ता गया। जिस पर उसने यह शेयर बेचने के बाद दूसरे आईपीओ में पैसा लगाया। दूसरी कंपनी के आईपीओ लिस्टिंग के बाद मेरा कुल रुपया प्रॉफिट समेत 3 करोड़ 34 लाख 9540 रुपए हो गया था।

पैसे निकालने का प्रयास किया तो नहीं निकले

इसके बाद जितेन्द्र ने सारे शेयर बेच दिए और पैसे निकालना चाहे तो वहां से मैसेज आया कि आप यह पैसा नहीं निकाल सकते हैं। व्यापारी ने पूछा क्यों नहीं निकाल सकता हूं, तो उसे बोला गया कि आपको 15प्रतिशत एडवांस टैक्स जमा करना पड़ेगा। इसके बाद जितेन्द्र बार-बार निवेदन करता रहा पर उन लोगों ने पैसा निकालने नहीं दिया। यहां पहली बार कुछ गड़बड़ की आशंका मन में आई थी।

बैंक पहुंचे तो हुआ ठगी का खुलासा

जितेन्द्र कुमार को लगा कि शायद बैंक से कोई मदद हो जाए यह सोचकर वह आईसीआईसीआई बैंक गया। बैंक जाने पर आईसीआईसीआई बैंक के अफसरों ने बताया कि यह तो हमारा एप है ही नहीं। उन्होंने बताया कि यह तो कोई डुप्लीकेट एप है और आपके साथ फ्रॉड हो गया है। तब जितेन्द्र को एहसास हुआ कि मेरे साथ बड़ी धोखाधड़ी हो गई है। इसके बाद वह एसपी ऑफिस पहुंचे और मामले की शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की। जिन खातों में उन्होंने कैश ट्रांजेक्शन किए हैं वह सभी बाहर के हैं। उनकी डिटेल भी पुलिस अधिकारियों को दी है।

आखिरकार क्या होता है आईपीओ

आईपीओ का पूरा मतलब (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) होता है। यह पहली बार होता है जब कोई निजी कंपनी अपने शेयरों को सार्वजनिक रूप से बेचती है, जिससे वह खुले बाजार में निवेशकों को स्वामित्व शेयर प्रदान करके पूंजी जुटा सकती है। इस प्रकार एक आईपीओ एक कंपनी के निजी से सार्वजनिक रूप से व्यापारित होने के परिवर्तन को चिह्नित करता है।