India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मालदीव यात्रा ने भारत-मालदीव संबंधों में एक नया मोड़ ला दिया है, जो कभी ‘इंडिया आउट’ जैसे विवादास्पद नारों से प्रभावित थे। अब वही संबंध विश्वसनीयता और रणनीतिक साझेदारी के एक मजबूत आयाम में तब्दील हो चुके हैं। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू के बीच हुई वार्ताओं ने यह स्पष्ट कर दिया कि दोनों देश भविष्य की दिशा में एक साझा दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ने को तैयार हैं।
India: ऐतिहासिक संबंधों की फिर से पुष्टि
पीएम मोदी ने भारत और मालदीव के रिश्तों को “इतिहास से भी पुराने और महासागर जितने गहरे” बताते हुए उनके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्यों की पुष्टि की। वहीं, राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू ने भारत को मालदीव का “सबसे भरोसेमंद विकास साझेदार” बताया, जिससे यह संकेत मिला कि दोनों देशों के रिश्तों में आई खटास अब बीते दिनों की बात हो चुकी है।
India: रणनीतिक सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता पर जोर
बैठक में व्यापार, रक्षा और समुद्री सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया गया। पीएम मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि मालदीव न केवल भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति में, बल्कि ‘महासागर’ (SAGAR – Security and Growth for All in the Region) दृष्टिकोण में भी एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
उन्होंने कहा, “चाहे आपदा हो या महामारी, भारत हमेशा मालदीव के साथ पहले प्रत्युत्तरकर्ता (First Responder) के रूप में खड़ा रहा है। हम मालदीव की रक्षा क्षमताओं के विकास में सहयोग जारी रखेंगे, क्योंकि हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि हमारा साझा लक्ष्य है।”
‘India Out’ से ‘इंडिया इन’ की वापसी
गौरतलब है कि मुइज़्ज़ू की सत्ता में आने से पहले भारत विरोधी ‘इंडिया आउट’ अभियान ने द्विपक्षीय संबंधों में तनाव पैदा कर दिया था। लेकिन पीएम मोदी की इस यात्रा और मुइज़्ज़ू के गर्मजोशी भरे स्वागत ने यह संदेश दे दिया कि दोनों देश अब अतीत को पीछे छोड़कर सहयोग की नई राह पर हैं।
मुइज़्ज़ू ने कहा, “हमारी बातचीत बहुत सार्थक रही। हमने भारत-मालदीव विकास साझेदारी को आगे बढ़ाने और जनता-जनता के संपर्क को और गहरा करने पर सहमति जताई।”
विकास के लिए 4,850 करोड़ रुपये की सहायता
भारत ने मालदीव को 4,850 करोड़ रुपये (लगभग 565 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की क्रेडिट लाइन देने की घोषणा की है, जिसका उपयोग मालदीव की अधोसंरचना परियोजनाओं में किया जाएगा। इसके तहत पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू ने कई परियोजनाओं का संयुक्त उद्घाटन भी किया, जिसमें माले में नया रक्षा मंत्रालय भवन, अद्दू शहर में सड़कें और ड्रेनेज सिस्टम, और हुलहुमाले में 3,300 आवासीय इकाइयाँ शामिल हैं।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री के अनुसार, इस समझौते से मालदीव का भारत को वार्षिक ऋण भुगतान 40% तक कम हो जाएगा।
रक्षा सहयोग में मजबूती
प्रधानमंत्री ने मालदीव की राष्ट्रीय रक्षा बल को 72 वाहन और उपकरण सौंपे। उन्होंने माले में बने नए रक्षा मंत्रालय भवन को “भरोसे की ठोस इमारत” बताते हुए कहा कि यह दोनों देशों के बीच मजबूत साझेदारी का प्रतीक है।