एनडीए (NDA) ने रविवार को हुई बैठक में महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया। बैठक के बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आधिकारिक ऐलान करते हुए कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए सर्वसम्मति से राधाकृष्णन का नाम तय किया गया है।
कौन हैं सीपी राधाकृष्णन?
चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन, जिन्हें सीपी राधाकृष्णन के नाम से जाना जाता है, का जन्म 20 अक्टूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुपुर में हुआ। उन्होंने कोयंबटूर के चिदंबरम कॉलेज से बीबीए की पढ़ाई की। राजनीतिक जीवन की शुरुआत से ही वे अनुशासन और मेहनत के लिए पहचाने जाते हैं।
दक्षिण भारत के वरिष्ठ नेता
सीपी राधाकृष्णन दक्षिण भारत में बीजेपी के सम्मानित और वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं। वे न सिर्फ तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष (2003-2006) रहे बल्कि उन्हें पार्टी नेतृत्व ने केरल का प्रभारी भी बनाया। इसके अलावा, वे 2016 से 2019 तक अखिल भारतीय कॉयर बोर्ड के अध्यक्ष रहे। तीन बार उन्हें कोयंबटूर लोकसभा सीट से बीजेपी का उम्मीदवार बनाया गया, हालांकि सफलता सिर्फ 1998 और 1999 में ही मिली।
राज्यपाल के तौर पर अनुभव
- राधाकृष्णन का प्रशासनिक अनुभव भी बेहद समृद्ध है।
- महाराष्ट्र के राज्यपाल: 31 जुलाई 2024 से वर्तमान।
- झारखंड के राज्यपाल: 18 फरवरी 2023 से 30 जुलाई 2024 तक।
- तेलंगाना: मार्च से जुलाई 2024 तक अतिरिक्त प्रभार।
- पुदुच्चेरी: मार्च से अगस्त 2024 तक उपराज्यपाल (अतिरिक्त प्रभार)।
- यह जिम्मेदारियां उनके संवैधानिक और प्रशासनिक अनुभव को दर्शाती हैं।
RSS से शुरुआत, राजनीति में मजबूती
राधाकृष्णन ने महज 16 साल की उम्र (1973) में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़कर सामाजिक और राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। एक साल बाद वे भारतीय जनसंघ की तमिलनाडु इकाई का हिस्सा बने। धीरे-धीरे उनका कद संगठन में बढ़ता गया और उन्हें 1996 में तमिलनाडु बीजेपी का सचिव नियुक्त किया गया।
उल्लेखनीय पहल और योगदान
- बीजेपी अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने कई महत्वपूर्ण अभियानों को आगे बढ़ाया।
- 2004-2007 में 93 दिन की रथयात्रा निकाली, जिसका उद्देश्य नदियों को आपस में जोड़ने का था।
- आतंकवाद के खिलाफ मुखर आवाज उठाई।
- अस्पृश्यता (छुआछूत) समाप्त करने पर जोर दिया।
- संसद में रहते हुए वस्त्र उद्योग पर स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे और कई वित्तीय व सार्वजनिक उपक्रमों की समितियों में भी काम किया।