गांधीभवन में विजयवर्गीय को बुलाने वाले Surjit Singh Chaddha पर लटकी तलवार

स्वतंत्र समय, इंदौर

कांग्रेस मुख्यालय गांधी भवन में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत शहर कांग्रेस अध्यक्ष सुरजीतसिंह चड्ढा ( Surjit Singh Chaddha ) के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन गया है। प्रभारी महासचिव भंवर जितेंदसिंह ने जहां उन्हें हटाने के लिए कहा है, वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी चड्ढा को बचाने में लगे हैं। भोपाल में पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक में इसको लेकर चर्चा हुई।

Surjit Singh Chaddha पर लगाए आरोप

सूत्रों के अनुसार सभी वरिष्ठ नेताओं ने इसे गलत बताया और कहा कि राहुल गांधी को लेकर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ऊलजुलूल बयान देते हैं और लोकसभा में कांग्रेस प्रत्याशी को लेकर जो हुआ, उसमें पूरा विजयवर्गीय का हाथ है। जब वे गांधी भवन आए तो उनका स्वागत-सत्कार हुआ। यही नहीं, सुरजीत ( Surjit Singh Chaddha ) ने उनके साथ हंसी-ठिठौली की, जबकि होना ये चाहिए था कि वे निमंत्रण देने आए थे तो निमंत्रण ले लेते और उन्हें रवाना कर देते। इसको लेकर कांग्रेस का एक गुट भोपाल में सक्रिय हो गया है, जो सुरजीत को शुरू से ही इस कुर्सी से हटाना चाह रहा है। इसी गुट ने वीडियो क्लिपिंग और समाचार पत्रों की खबरों के साथ पीसीसी के नेताओं को शिकायत भेजी है।

सबकुछ प्रदेश अध्यक्ष पटवारी से बात करके ही किया- चड्ढा

इधर, कार्रवाई से बचने के लिए चड्ढा ने पार्टी नेताओं के सामने यह कहना शुरू कर दिया है कि उन्होंने तो विजयवर्गीय का फोन आने के बाद सबसे पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष से ही बात की थी। उन्होंने कहा था कि यदि वे आ रहे हैं तो उनका अच्छा स्वागत करिए और नाश्ता-पानी भी करवाइए। जिस मुद्दे पर भी बात करने आए थे उससे जुड़ी अपनी बात भी हमने उनके सामने रखी। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भी मौके पर मौजूद थे। उन्होंने भी मेरी बात से सहमति जताई थी। चड्ढा के इसी तेवर के बाद पटवारी बैकफुट पर आ गए और प्रभारी महासचिव के स्पष्ट निर्देश के बावजूद अभी तक उन्हें हटाने का आदेश जारी नहीं हुआ। चड्ढा यह भी स्पष्ट कर चुके हैं कि मौका पडऩे पर वे दिल्ली में भी बड़े नेताओं के सामने अपनी बात रखने से पीछे नहीं रहेंगे।

दिग्विजय भी नाराज

भोपाल की बैठक में दिग्विजयसिंह सहित सारे वरिष्ठ नेता मौजूद थे। वहां भी जब यह मुद्दा उठा, तब सभी ने एक स्वर में कहा कि जब शहर अध्यक्ष ने आपसे पूछा था तभी आपको स्पष्ट कर देना था कि वह विजयवर्गीय को गांधी भवन आने से मना कर दें। सूत्रों के मुताबिक पटवारी ने बड़े नेताओं के सामने अपनी गलती भी मानी।