Gandhi-Nehru के नाम 600 से ज्यादा योजनाएं पर नेहरू का नाम लेने में भी शर्म

Gandhi-Nehru लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी बोले – कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल। जो भी जिसके पास था, उसने दिया उछाल। जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा।

नई दिल्ली। Gandhi-Nehru से शुरुआत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपना संबोधन दिया। पीएम के भाषण शुरू होने से पहले ही विपक्ष के सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। हालांकि, तेज नारेबाजी और हूटिंग के बीच मोदी ने विपक्ष पर जोरदार पलटवार किया। प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की योजनाओं से लेकर विकास के मुद्दे तक पर अपनी बात रखी। इस बीच, प्रधानमंत्री ने केंद्र्र सरकार की तमाम योजना का जिक्र करते हुए कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर निशाना भी साधा। Gandhi-Nehru पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री पं.जवाहर लाल नेहरू gandhi-nehru का जिक्र करके गांधी परिवार पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया। अपने संबोधन की शुरु में ही मोदी ने सदन में हंगामा कर रहे विपक्षी सांसदों पर तंज कसा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सदन में जो भी बात होती है, उसे देश गंभीरता से सुनता है और गंभीरता से लेता है। लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों की वाणी न सिर्फ सदन को, बल्कि देश को निराश करने वाली है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इस प्रकार की प्रवृत्ति के सदस्यों को यही कहूंगा कि कीचड़ उसके पास था, मेरे पास गुलाल। जो भी जिसके पास था, उसने दिया उछाल। जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा। कमल खिलाने में प्रत्यक्ष या परोक्ष आपका जो भी योगदान है, इसके लिए मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूं।

एक परिवार ने 60 साल में गड्ढे ही गड्ढे दिए
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संबोधन का भी जिक्र किया। कहा कि कल विपक्ष के खड़गेजी ने कहा कि 60 साल में उन्होंने मजबूत बुनियाद बनाई। उनकी शिकायत थी कि बुनियाद हमने बनाई और क्रेडिट मोदी ले रहा है। 2014 में आकर जब मैंने बारीकी से चीजों को देखने का प्रयास किया तो नजर आया कि 60 साल कांग्रेस के परिवार ने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए थे। उनका इरादा नेकी का होगा, लेकिन गड्ढे कर दिए थे। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक इन्हीं की दुनिया चलती थी। देश भी आंख बंद करके उनका समर्थन करता था, लेकिन उन्होंने ऐसी कार्यशैली और कल्चर बनाया कि एक भी चुनौती का परमानेंट सॉल्यूशन निकालने का न सोचा, न सूझा और न प्रयास किया। हमारी सरकार की पहचान पुरुषार्थ के कारण बनी है। एक के बाद एक उठाए गए कदमों के कारण बनी है। आज हम परमानेंट सॉल्यूशन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

जनता ने खाता ही बंद कर दिया
प्रधानमंत्री ने फिर से खड़गे का जिक्र किया। कहा कि खड़गेजी शिकायत कर रहे थे कि मोदीजी बार-बार मेरे चुनावी क्षेत्र में आते हैं। मोदीजी कलबुर्गी आ जाते हैं… मैं आता हूं शिकायत करने से पहले ये भी देखो कि कर्नाटक में एक करोड़ 70 लाख जनधन अकाउंट खुले हैं। उन्हीं के इलाके कलबुर्गी में आठ लाख से ज्यादा जनधन खाते खुले हैं। अब बताइए इतने खाते खुल जाएं, लोगों को ताकत मिल जाए और किसी का इतने सालों के बाद खाता बंद हो जाए तो उनकी पीड़ा मैं समझ सकता हूं। बार-बार उनका दर्द झलकता है। पीएम मोदी यहीं नहीं रूके। आगे उन्होंने कहा, कभी खड़गे यहां तक कह देते हैं कि एक गरीब को हरा दिया। उन्हीं के इलाके की जनता ने दलित को जिता दिया। जनता आपका खाता बंद कर रही है और आप रोना यहां रो रहे हो।

नेहरु के व्यान से कांग्रेस को घेरा

प्रधानमंत्री मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री gandhi-nehru जवाहरलाल नेहरू के बयान का जिक्र कर कांग्रेस को घेरा, पीएम के मुताबिक, नेहरू जी ने कहा था कि कभी कभी कोरिया में लड़ाई भी हमें प्रभावित करती है, इसके चलते वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाती हैं और यह हमारे नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं, इसके चलते वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाती हैं और यह हमारे नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं. अगर अमेरिका में भी कुछ हो जाता है तो इसका असर भी वस्तुओं की कीमत पर पड़ता है.”  मतलब देश के सामने पहले प्रधानमंत्री महंगाई को लेकर अपने हाथ ऊपर कर देते हैं.