Ganesh Chaturthi 2025: देशभर में गणेश उत्सव बड़े हर्ष और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस बार 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी पर श्रद्धालु घर-घर और पंडालों में गणपति बप्पा की स्थापना करेंगे। हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी को अत्यंत पावन पर्व माना जाता है। इसे कुछ स्थानों पर कलंक चतुर्थी भी कहा जाता है। परंपरागत मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा का दर्शन वर्जित है। कहा जाता है कि चंद्रमा को देखने से कलंक लगता है और व्यक्ति झूठे आरोपों का शिकार हो जाता है। इसके पीछे एक रोचक पौराणिक कथा प्रचलित है।
गणेश जी और चंद्रमा की कथा
पुराणों में वर्णन मिलता है कि एक बार गणेश जी अपने वाहन मूषक पर सवार होकर कहीं जा रहे थे। रास्ते में अचानक एक विषधर सर्प मूषक के सामने आ गया। भयभीत होकर मूषक का संतुलन बिगड़ गया और वे गणेश जी को गिरा बैठे। उसी समय चंद्रमा ने इस दृश्य को देखा और जोर-जोर से हंसने लगे। गणपति बप्पा को यह व्यवहार बहुत बुरा लगा।
क्रोधित होकर गणेश जी ने चंद्रदेव को श्राप देते हुए कहा – “अभिमानी चंद्रमा! किसी की कमजोरी या परेशानी पर उपहास करना तुम्हें शोभा नहीं देता। आज से तुम्हारा तेज लुप्त हो जाएगा और जो भी भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन तुम्हें देखेगा, उस पर झूठे आरोप लगेंगे।”
चंद्रमा की चांदनी हुई लुप्त
गणेश जी का श्राप सत्य सिद्ध होते ही पूरा आकाश अंधकारमय हो गया। चंद्रमा की चांदनी लुप्त हो गई। अपनी स्थिति देखकर चंद्रदेव बहुत घबरा गए और तत्काल गणेश जी के पास जाकर क्षमा याचना करने लगे। उन्होंने कहा – “हे विघ्नहर्ता! मैंने अभिमानवश आपका अपमान किया है। यदि मेरी आभा समाप्त हो गई तो मेरा अस्तित्व ही मिट जाएगा। कृपया मुझे क्षमा करें और अपने श्राप को वापस लें।”
गणेश जी ने दिया वरदान
चंद्रमा की विनती सुनकर गणपति बप्पा का क्रोध शांत हो गया। उन्होंने कहा – “मेरा दिया हुआ श्राप मैं वापस तो नहीं ले सकता, लेकिन तुम्हें एक वरदान देता हूं। तुम्हारा तेज स्थायी रूप से नष्ट नहीं होगा। तुम प्रत्येक माह एक दिन पूरी तरह अदृश्य रहोगे और शेष दिनों में तुम्हारा तेज घटता-बढ़ता रहेगा।” इस प्रकार से अमावस्या के दिन चंद्रमा अदृश्य हो जाते हैं और हर पखवाड़े में घटते-बढ़ते स्वरूप में दिखाई देते हैं।
गणेश चतुर्थी पर चांद देखने का परिणाम
लोक मान्यता है कि गणेश चतुर्थी की रात यदि कोई चंद्रमा को देख लेता है तो उसे झूठे आरोपों का सामना करना पड़ता है। इसी कारण इस दिन चांद देखने की मनाही है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने भी गणेश चतुर्थी के दिन अनजाने में चंद्रमा का दर्शन कर लिया था। इसके परिणामस्वरूप उन पर स्यामंतक मणि चोरी का झूठा आरोप लग गया था।
अगर गलती से चांद दिख जाए तो क्या करें?
यदि कोई व्यक्ति अनजाने में गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा देख ले तो उसका दोष निवारण भी संभव है। धर्मशास्त्रों में इसके उपाय बताए गए हैं—
• श्रीकृष्ण भगवान का स्मरण और नामजप करें।
• गणेश जी की आराधना व व्रत का पालन करें।
• विशेष मंत्र का जप करें:
“सिंह: प्रसेनमवधीत्सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमार मा रोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः॥”
इस मंत्र का जाप करने से चंद्रदर्शन दोष समाप्त हो जाता है और कलंक का प्रभाव नहीं पड़ता।