Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी नज़दीक आते ही देशभर के बाजार पूरी तरह से सज चुके हैं। जगह-जगह पर भगवान गणेश की आकर्षक मूर्तियां अलग-अलग थीम और डिज़ाइन में उपलब्ध हैं। इस दौरान माहौल बेहद उत्सवमय हो जाता है। हर तरफ रंग-बिरंगी सजावट, गाजे-बाजे और भक्तों की तैयारियां दिखाई देती हैं। महाराष्ट्र का यह प्रमुख पर्व अब पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाने लगा है और हर कोई अपने घर या पंडाल में बप्पा का स्वागत करने को उत्सुक है।
पहली बार बप्पा को घर लाने वालों के लिए ज़रूरी बातें
कई लोग पहली बार गणेश जी को अपने घर विराजमान करने का मन बनाते हैं। ऐसे में यह जानना ज़रूरी है कि मूर्ति की खरीदारी करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। अक्सर भक्तों के सामने यह प्रश्न आता है कि आखिर बप्पा की मूर्ति में सूंड किस दिशा में होनी चाहिए। इस बारे में धार्मिक मान्यताएं भी मौजूद हैं, जिनका पालन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि आती है।
गणेश जी की सूंड किस दिशा में होनी चाहिए?
बाजार में भगवान गणेश की मूर्तियां अलग-अलग रूप में मिलती हैं। कुछ मूर्तियों में उनकी सूंड बाईं ओर होती है तो कुछ में दाईं ओर। परंपरा और मान्यता के अनुसार घर में स्थापित की जाने वाली मूर्ति में गणेश जी की सूंड बाईं ओर होनी चाहिए। यह दिशा चंद्रमा से जुड़ी मानी जाती है और इसे शांति, सुख और समृद्धि का प्रतीक कहा गया है। माना जाता है कि बाईं सूंड वाले गणपति घर में खुशहाली लाते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
वहीं, दाईं ओर सूंड वाली मूर्ति को अत्यधिक शक्तिशाली और कठोर माना गया है। ऐसी मूर्ति की स्थापना मंदिरों में की जाती है, क्योंकि इसमें विशेष नियमों और कठोर विधियों का पालन करना आवश्यक होता है। इसलिए घर के लिए हमेशा बाईं सूंड वाले गणपति को ही शुभ और कल्याणकारी माना जाता है।
गणेश चतुर्थी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चौथी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष यह पर्व 26 अगस्त से शुरू होकर 27 अगस्त 2025 को समाप्त होगा। अतः पूरे देश में 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी का मुख्य उत्सव मनाया जाएगा। इसी दिन लोग अपने घरों और मंदिरों में गणेश जी की मूर्तियों की स्थापना करेंगे और विधिवत पूजा-अर्चना करेंगे।
बप्पा की विदाई का दिन
गणेश चतुर्थी का उत्सव केवल स्थापना तक सीमित नहीं होता, बल्कि इसके बाद कई दिनों तक पूजा, भजन और उत्सव का सिलसिला चलता है। इस वर्ष गणेश विसर्जन का दिन 6 सितंबर 2025 होगा। उस दिन धूमधाम और शोभायात्राओं के साथ बप्पा को विदा किया जाएगा और भक्त अगले वर्ष के लिए उनसे पुनः घर आने का वचन देंगे।