Ganesh janmotsav 2023: गणपति उत्सव के दौरान अगर गलती से खंडित या टूट जाएं बप्पा की मूर्ति, तो करें ये खास उपाय, नहीं लगेगा किसी भी तरह का पाप

Ganesh janmotsav 2023: गणपति जन्मोत्सव की धूम पूरे देशभर में देखते ही बन रही हैं। साथ ही प्रथम पूज्य श्री गणेश प्रत्येक भक्त के घर विराजित हो चुके हैं। वहीं भक्तजन जगह जगह पर पांडाल लगाकर भगवान की भक्ति में रमा चुके हैं। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आज गणेश जन्मोत्सव का तृतीय दिन है। वहीं गणेश चतुर्थी से प्रारंभ हुआ ये महापर्व 10 दिनों तक बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाएगा और अंततः अनंत चतुर्दशी के पर भगवान विनायक का विसर्जन कर दिया जाएगा।

हालांकि कई लोग डेढ़, तीन, पांच या सात दिवस पर गणायक की मूर्ति का विसर्जन करते हैं। साथ ही कहा जाता है कि जब भगवान की किसी मूर्ति को अपने घर में स्थापित किया जाता है और उनको पूरी आराधना के साथ विशेष पूजा अर्चना की जाती है तो उसमें समस्त 33 कोटि देवी देवताओं का निवास हो जाता है। ऐसे में प्रत्येक दिवस सच्चे हृदय और आस्था के साथ प्रतिमा की पूजा की जाती है। वहीं आपको बता दें कि गणेश जी की मूर्ति के साथ भी ऐसा ही है। जहां भक्त लोग पूरी श्रद्धा के साथ बप्पा को अपने घर लाते हैं और 10 दिनों तक बप्पा के आगमन की पूजा करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दौरान भगवान की मूर्ति यदि खंडित या टूट फूट जाए?

दरअसल घर में स्थापित मूर्ति में भगवान का निवास होने की वजह के चलते यदि कहीं से टूट जाएं या खंडित हो जाए तो इसे काफी ज्यादा अशुभ माना। लेकिन इस हालात से उबरने का एक तरकीब सामने आया है। यदि बप्पा की प्रतिमा अकस्मात् खंडित हो जाए तो चिंतित होने की बिलकुल भी आवश्यकता नहीं हैं। भूलचूक में हुई गलती की क्षमा मांगते हुए मूर्ति को चावल अर्थात धान के साथ बहते जल में प्रवाहित कर दें।

पूजा घर में रखी दूसरी प्रतिमाओं का क्या करें?

हिंदू मान्यता के अनुसार ऐसा माना जाता है कि घर में उपस्थित प्रतिमाओं के खंडित हो जाने पर इनमे से देवता का स्थान चला जाता हैं और कुछ भी अमंगल होने का भय सताने लगता हैं। यही उपाय आप घर में स्थापित मंदिर की अन्य शेष प्रतिमाओं के लिए भी जरूर अपनाएं। कई बार ऐसा देखा जाता है कि घर के पूजा स्थल में रखी हुई मूर्तियों के खंडित होने पर या उसका कलर उतर जाने पर लोग उसे किसी भी वृक्ष के समीप ठंडी कर आते हैं। ऐसा करना कदापि उचित नहीं माना जाता। ऐसी मूर्तियों को सिर्फ बहते जल में ही प्रवाहित करें। इस उपाय से आपके जीवन के तमाम कष्ट सारे दूर हो जाते हैं।