श्रीजी आगमन शोभा यात्रा में झूमे श्रद्धालु राज्यमंत्री मनोहरलाल पंथ ने लिया आशीर्वाद
ललितपुर : श्री दिगम्बर जैन आदिनाथ अतिशय क्षेत्र गिरारगिरी विकासखंड मड़ावरा में चर्या शिरोमणि , आध्यात्मिक संत आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज के विशाल संघ सान्निध्य में ब्र. जय कुमार जी निशांत, पंडित सनत कुमार विनोद कुमार जैन के प्रतिष्ठाचार्यत्व में आयोजित श्री 1008 मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक मानस्तम्भ जिनबिम्ब प्रतिष्ठा, विश्वशान्ति महायज्ञ एवं रथोत्सव महोत्सव का शुभारंभ शुक्रवार को विधि विधान के साथ हो गया है। प्रातः कालीन बेला में सर्व प्रथम पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव समिति ने आचार्यश्री के चरणों में श्रीफल समर्पित कर गुरु आज्ञा प्राप्त की इसके बाद आचार्य निमंत्रण किया गया।
महोत्सव में सान्निध्य प्रदान करने के लिए आध्यात्मिक संत चर्या शिरोमणि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज का विशाल संघ सहित मंगल प्रवेश प्रातः बेला में हुआ। शुक्रवार को प्रातः बरायठा होते हुए आचार्यश्री सहित 27 पिच्छि धारी साधु गिरारगिरी में पहुँचने पर भव्य मंगल अगवानी की गई। आचार्यश्री के विशाल संघ की अगवानी के लिए श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा गया। नगर सीमा पर गाजे -बाजे के साथ भव्य अगुवानी श्रद्धालुओं ने श्रद्धा भक्ति के साथ की। रास्ते में श्रद्धालु जयकारा करते हुए चल रहे थे। पाद प्रक्षालन व आरती उतार कर स्वागत किया गया। श्रद्धालुओं ने इस दौरान अपने -अपने दरवाजे पर भी पाद प्रक्षालन और आरती उतारी । मुनिश्री की अगवानी के लिए सुंदर रंगोली सजाई गई।
आचार्यश्री का पाद प्रक्षालन का अवसर प्रदीप जैन कामनी जैन इंदौर एवं शास्त्र भेंट चेतराम जैन कुसुमरानी बड़कुल शहपुरा-भिटौनी को प्राप्त हुआ। महोत्सव के पहले दिन गर्भ कल्याणक पूर्व रूप को श्रद्धा व विधि विधान के साथ मनाया गया। प्रातः 6.30 बजे से अभिषेक, शांतिधारा के बाद देवाज्ञा, गुरु आज्ञा, तीर्थमण्डल पूजा के बाद घटयात्रा हुई। घटयात्रा में पंचकल्याणक महोत्सव के पात्र, महिलाएं पीले व केसरिया वस्त्रों में मस्तक पर कलश लेकर मंगलगान करती हुई चल रहीं थीं वहीं श्रीजी के आगमन का भव्य जुलूस अयोध्यानगरी कार्यक्रम स्थल पर पहुँचा। स्वयंसेवक बैण्ड बाजों की सुमधुर आवाज से वातावरण को पवित्र कर रहे थे। रथों पर श्रीजी सवार थे। बालिका मंडल की बालिकाएं भक्ति नृत्य करते हुए जयकारों से आकाश गुंजायमान कर रहीं थी ।
इस मौके पर प्रदेश के राज्यमंत्री मनोहर लाल पंथ ने आयोजन में पहुँचकर आचार्यश्री से आशीर्वाद लिया। महोत्सव समिति ने स्मृति चिन्ह भेंटकर उन्हें सम्मानित किया।इसके बाद ध्वजारोहण – चेतराम-कुसुमरानी बड़कुल, अशोक सुषमा सिंघई शाहपुरा भिटौनी जिला जबलपुर ने विधि विधान के साथ किया। मंडप उदघाटन प्रदीप जैन-कामनी जैन, इंदौर ने किया।
मीडिया प्रभारी डॉ सुनील संचय ने बताया कि सकलीकरण, इंद्र प्रतिष्ठा, नान्दीविधान की क्रियाएं
भगवान के माता पिता राजेश जैन श्रीमती रचना जैन नवकार कंप्यूटर (खुटगुआ वाले )मडावरा इंदौर, सौधर्मेन्द्र-सुनील कुमार जैन( मोनू) श्रीमती नेहा जैन बाम एपी स्पेशल परिवार बरायठा, कुबेर सुनील कुमार जैन चंदेरिया परिवार बरायठा, विधि नायक डॉक्टर बालचंद कमल कुमार, महायज्ञ नायक विनोद कुमार जैन चंदेरिया, यज्ञ नायक सिंघई आशीष जैन इंदौर, ईशानइंद्र प्रकाश चंद सिंघई, सनतकुमारइंद्र-राजेंद्र राजू, महेंद्रइंद्र- नीरज जैन शास्त्री, राजा श्रेयांस-आनंद जैन नागपुर,राजा सोम- दीपचंद व्या,भरत चक्रवर्ती-अभिषेक कुमार जैन (खुटगुआ वाले )दीपू चौधरी मडावरा, बाहुबली- प्रदीप जैन खुटगुवा, मड़ावरा, लांतव इंद्र- जिनेंद्र जैन गौना वाले मड़ावरा, कापिष्ठ-आशीष चौधरी मड़ावरा , महाशुक्र-कमल जैन मोनू खुटगुवा वाले मड़ावरा, शुक्रेन्द्र- अंकित कोठिया मड़ावरा, सतारेंद्र- इजी. विशेष जैन लुहारी सागर, आणतेन्द्र-कैलाशचंद्र विनेका, महामंडलेश्वर (8)- सिंघई प्रकाशचंद्र साढूमल, राजेश जैन रज्जू मड़ावरा, सेठ कमलेश लुहर्रा मड़ावरा, सुरेशचंद्र बरायठा, त्रिलोक जैन मड़ावरा, आशीष गौना मड़ावरा, विनोद जैन खुटगुवा वाले मड़ावरा , मुकेश सिलोनिया मड़ावरा आदि पंचकल्याणक महोत्सव के पात्रों द्वारा की गईं।
दोपहर में यागमण्डल विधान श्रद्धा भक्ति के साथ किया गया। रात्रि में सौधर्मेन्द्र सभा, नगरी रचना, अष्टदेवी द्वारा माता की सेवा, सोलह स्वप्न व गर्भ कल्याणक की आंतरिक क्रियाएं की मंत्रोच्चार पूर्वक की गईं। समागत अतिथियों, समाज श्रेष्ठिगणों का स्वागत आयोजन समिति द्वारा सम्मान किया गया। पुलिस प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहा ।
शनिवार को गर्भ कल्याणक के उत्तरार्द्ध की क्रियाएं की जाएंगी : महोत्सव के प्रचारमंत्री-मीडिया प्रभारी डॉ. सुनील संचय ने जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार को गर्भ कल्याणक के उत्तरार्द्ध को मनाया जाएगा जिसमें प्रातः 6 .15 बजे से अभिषेक, शांतिधारा, गर्भ कल्याणक की पूजा, 9 बजे से आचार्यश्री के प्रवचन, दोपहर 12.40 बजे से सीमंतनी क्रिया, माता की गोद भराई, शाम को महाआरती, रात्रि में महाराजा नाभिराय का दरबार, महारानी मरुदेवी का जागरण, अष्ट कुमारियों द्वारा भेंट समर्पण, सोलह स्वप्न का फल आदि मंचित किया जाएगा। मड़ावरा से गिरार जाने के लिए बसों की व्यवस्था की गई है।