आज से गजल ‘उदास’ हो गई, Pankaj उधास का निधन

स्वतंत्र समय, मुंबई

‘चिट्ठी आई है’…‘एक तरफ उसका घर’…‘चांदी जैसा रंग है तेरा’.. जैसी यादगार गजलों को गाने वाले गायक पंकज उधास का निधन हो गया है। लंबे समय से बीमार चल रहे थे। मुंबई के कैंडी अस्पताल में 72 साल की उम्र में आखिरी सांस ली है। पंकज की बेटी नायाब ने इंस्टाग्राम पर इमोशनल पोस्ट के जरिए पिता के निधन की जानकारी दी। पंकज के निधन के बाद संगीत जगत में शोक की लहर है। शंकर महादेवन, सोनू निगम सहित कई दिग्गज गायकों ने अपनी भावनाएं व्यक्त की है इमोशनल पोस्ट किए हैं।

राजकोट में हुआ था Pankaj का जन्म

पंकज ( Pankaj ) उदास का जन्म 17 में 1951 को गुजरात के जेतपुर में हुआ था। उनका परिवार राजकोट के पास चरखारी कस्बे का रहने वाला था। उनके दादा जमींदार और भावनगर के दीवान थे। पिता केशु भाई सरकारी कर्मचारी थे। पिता को इसराज बजाने और मां जीतू बेन को गाने का शौक था इसी के चलते पंकज और उनके दोनों भाइयों का रुझान संगीत की तरफ हुआ।

Pankaj को पहले गाने के 51 रु. मिले थे

पंकज ( Pankaj ) के पहले गाने की कहानी दिलचस्प है। उन दिनों भारत चीन युद्ध चल रहा था । इस दौरान लता मंगेशकर का ‘ए मेरे वतन के लोगों’ गाना रिलीज हुआ। पंकज ने ‘ए मेरे वतन के लोगों’ गया। उनके गीत से लोगों की आंखें नम हो गई। दर्शनों में से एक आदमी ने उन्हें 51 रुपए का इनाम दिया। यह गाने के बदले उनकी पहली कमाई थी।

काम नहीं मिला तो विदेश का रुख

पंकज के दोनों भाई मनहर और निर्जल म्यूजिक इंडस्ट्री में जाना पहचाना नाम थे । स्कूल में पंकज के बेहतरीन परफॉर्मेंस के बाद उनके पेरेंट्स को लगाकर पंकज भी अपने भाइयों की तरह संगीत के क्षेत्र में कुछ बड़ा कर सकता है। इसके बाद उनका एडमिशन राजकोट की संगीत अकादमी में कर दिया गया। पंकज पढ़ाई के बाद कई स्टेज शो करने लगे। बॉलीवुड में जगह बनाना चाहते थे । 4 साल तक संघर्ष किया लेकिन कोई बड़ा काम नहीं मिला। एक फिल्म में आवाज दी थी ।वह फिल्म भी फ्लॉप हो गई इसके बाद मजबूरन उन्होंने विदेश का रुख किया।