स्वतंत्र समय, भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ( CM Mohan Yadav ) ने निवेश संबंधी अपने विदेश दौरे में कंपनियों को तकनीकी रूप से भी मध्यप्रदेश के विकास में सहभागी बनने का निमंत्रण दिया है। मध्यप्रदेश में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर भोपाल के आसपास के औद्योगिक क्षेत्र मंडीदीप, बगरोदा, पीलूखेड़ी, गोविंदपुरा, अचारपुरा और फंदा के उद्यमियों के साथ ही उन युवाओं में भी खासा उत्साह है, जो नई तकनीक को अपनाकर आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूर्ण करने में सहभागी बनना चाहते हैं। यूके, जर्मनी और जापान की कंपनियों ने तकनीक के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश को आगे बढक़र संवारने का वादा किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि जब विदेशी कंपनियां अपने उद्योग यहां स्थापित करेंगी, तो नि:संदेह नवीनतम तकनीक यहां आएगी और उद्योगों को विश्व स्तरीय तकनीक के साथ आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे प्रदेश का इंडस्ट्रियल सेक्टर बूस्ट-अप भी होगा।
CM Mohan Yadav बोले- यूके-जर्मनी में दिखा निवेशकों का रुझान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ( CM Mohan Yadav ) के नवंबर 2024 में हुए 6 दिवसीय यूके और जर्मनी दौरे में उद्योगपतियों और निवेशकों से लगभग 78 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले। इससे प्रदेश के समग्र विकास और टेक्नो-फ्रेण्ड्ली युवाओं को रोजगार के अधिकतम अवसर उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के यूके-जर्मनी दौरे से पहले सागर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में प्रस्ताव आया था कि तकनीकी क्षेत्र में जर्मनी और भारत संयुक्त रूप भोपाल के अचारपुरा में इकाई स्थापित करेंगे। इस कंपनी के जर्मन निवेशक को जर्मनी में भूमि आवंटन-पत्र प्रदान किया गया। कंपनी द्वारा भोपाल में 100 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया जाएगा। सॉफ्टवेयर और आईटी पार्क के निर्माण पर विभिन्न इंटरैक्टिव सेशन और राउंड टेबल डिस्कशन भी संपन्न हुए हैं। वुडपैकर सॉफ्टवेयर ने रसायन और आईटी सेक्टर में 1,100 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव दिया है।
टेक्नो-फ्रेंड्ली युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा है कि यूके और जर्मनी की यात्रा से टेक्नो-फ्रेंड्ली युवाओं के लिए रोजगार सृजन के बेहतर अवसर उपलब्ध होंगे। यूके और जर्मनी द्वारा प्रदेश में निवेश से तकनीकी संस्थानों में उन्नत टेक्नोलॉजी आएगी, जिससे युवाओं को आगे बढऩे के अवसर मिलेंगे, साथ ही प्रदेश के संस्थानों का विश्व स्तरीय तकनीक से परिचय होगा और उन्हें वैश्विक स्वरूप मिलेगा।