स्वतंत्र समय, भोपाल
राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में आयोजित दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ( GIS ) का मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने समापन किया। उन्होंने कहा-मप्र ने लोकल और ग्लोबल दोनों की अचीवमेंट किए हैं।
GIS समापन पर अमित शाह बोले- सीएम मोहन टीम ने काफी मेहनत की है
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ( GIS ) में मप्र में 30 लाख 77 हजार करोड़ का निवेश यह दर्शाता है कि यहां के सीएम डॉ. मोहन यादव और मुख्य सचिव अनुराग जैन की टीम ने काफी मेहनत की है। इस काम के लिए दोनों ही प्रशंसा और सराहना के काबिल हैं। अमित शाह ने कहा कि मोदी जी ने देश की 130 करोड़ जनता के सामने 2047 तक भारत को पूर्ण विकसित देश बनाने का लक्ष्य रखा है। 2027 तक दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य भी रखा है। इस समिट में लोकल और ग्लोबल इन्वेस्टमेंट के कई डायमेंशन अचीव किए गए हैं। देश में मध्य प्रदेश निवेश के लिए एक बड़ा आकर्षण केंद्र बना है। जो मध्य प्रदेश एम समय बीमारू राज्य माना जाता था, उसे भाजपा की सरकार ने 20 साल में बदलकर रख दिया है। अब यहां विकास के बड़े काम हुए हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि जिस तरह की कार्ययोजना सरकार ने बनाई है, इसमें से अधिकतर एमओयू जमीन पर उतरेंगे। इस इंवेस्टर्स समिट ने मप्र ही नहीं बल्कि भारत के विकास को भी गति देने का काम किया है। मप्र टॉप अचीवर बनेगा, टीम मप्र सफल होगी यह मुझे विश्वास है।
मप्र में भरोसेमंद प्रशासन मिलेगा: शाह
अमित शाह ने निवेशकों को भरोसा दिया है कि आपको मध्यप्रदेश में भरोसेमंद प्रशासन मिलेगा। इसलिए आइए और यहां निवेश कीजिए। कोई भी समूह या कंपनी जब अपने एक्सपेंशन के लिए स्थान तय करता है तो एक स्टेबल गवर्नमेंट वो ढूंढता है, जिससे नीतियों का स्थायित्व मिले। एक स्ट्रेटेजिक लोकेशन यहां हैं। बेहतरीन इंफ्रास्ट्रचर यहां बन चुका है। ईको सिस्टम भी प्रशासन ने उपलब्ध कराया। मार्केट का एक्सेस भी मप्र से ज्यादा किसी स्टेट को उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा पारदर्शी शासन ने लोगों को इन्वेस्टमेंट के लिए आकर्षित किया है। यहां लैंड भी है, लेबर्स फोर्स भी है, माइंस हैं, मिनरल्स हैं, उद्योग की संभावनाएं और अवसर हैं, शिक्षित युवा हैं और स्किल्ड वर्क फोर्स भी है। हर तरह से मप्र इन्वेस्टमेंट के लिए बड़ा आकर्षक केंद्र बना हुआ है।
30 लाख 77 हजार करोड़ के प्रस्ताव मिले
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि अब तक सरकार के पास 30 लाख 77000 करोड़ के निवेश के प्रस्ताव आ चुके हैं। समिट में 5000 से अधिक बी-टू-जी और 600 से अधिक बी-टू-ई कार्यक्रम हुए हैं। उन्होंने कहा कि जितने भी निवेश प्रस्ताव मिले हैं, उन्हें धरातल पर उतारने के लिए सरकार पूर्णत: प्रतिबद्ध है। इन्हीं संकल्पों के साथ हम मप्र को अन्य राज्यों के साथ खड़ा करेंगे। सीएम ने कहा-कृषि के क्षेत्र में मप्र में बड़ी संभावनाएं है। खासकर मालवा, मध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई के साधन उपलब्ध होने से इसे बल मिलेगा। सीएम ने कहा कि कुछ-कुछ जिले सतना आदि तो संभाग स्तर के हैं और अगले बार हम इन जिलों में भी समिट का आयोजन करेंगे। यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री को आश्वस्त किया कि 1 साल के अंदर तीनों कानून पूरी तरह से लागू कर दिए जाएंगे। विकास के कसावट पर हम यू ही आगे बढ़ते रहेंगे।
बड़ी ताकत माइनिंग सेक्टर से मिलेगी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेश के क्षेत्र में एमपी को माइनिंग के क्षेत्र में सबसे बड़ी ताकत मिलेगी। उन्होंने कहा कि माइनिंग सेक्टर में निवेश की असीमित संभावनाएं हैं। सीएम यादव राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 के माइनिंग सत्र को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पत्थर उठाओ तो हीरा मिलता है। उन्होंने कहा कि खनिज राजस्व में 5 गुना वृद्धि का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भोपाल के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेश का रिकॉर्ड बनेगा। सीएम यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में खनिज के अकूत भण्डार हैं।
टेक्नोलॉजी: 68 हजार करोड़ के प्रस्ताव आए
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा, ये हमारा 8वां ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट था। पिछले दो दिनों में 25 हजार से ज्यादा डेलीगेट्स 50 देशों से समिट में आए। वहीं, 10 केंद्रीय मंत्री भी शामिल हुए। इस समिट में 10 केंद्रीय मंत्री और 6 केंद्रीय सचिव शामिल हुए हैं, जिससे पता लगता है कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा समिट की सफलता के लिए जो प्रयास किए गए थे वह सफल हो रहे हैं। काफी अच्छे परिणाम आने शुरू हो गए हैं। टेक्नोलॉजी सेक्टर में 78000 करोड़ की निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। टूरिज्म में 65000 करोड़ की इन्वेस्टमेंट की प्रस्ताव सरकार को मिले हैं।