मध्यप्रदेश सरकार द्वारा प्रदेशभर में पौधारोपण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इंदौर में पिछले कई सालों से समय-समय पर पौधारोपण किया जा रहा है। जिसमें मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की अहम भूमिका रही है। इन्दौर नगर निगम महापौर रहते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने पितृ पर्वत से पौधारोपण की शुरूआत की थी जब से लेकर अब तक पितृ पर्वत पर हजारों की संख्या में पौधे पेड़ बन चुके है। हर साल मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा पौधारोपण के लिए कार्यक्रमों के आयोजन किया जाता है। इस साल एक पौधा मां के नाम पर अभियान की शुरूआत प्रदेश के मुखिया डॉ. मोहन यादव ने इंदौर से की है। इंदौर में 51 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। सवाल यह है कि 51 हजार पौधे कहां से आएंगे। और कहां-कहां लगाए जाएंगे। इसकी चिंता एक मात्र मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को ही है।
इंदौर हरा-भरा हो और यहां के लोग साफ हवा में सांस ले इसके चलते मंत्री विजयवर्गीय द्वारा लगातार कोशीश की जा रही है, कि ज्यादा से ज्यादा पौधे रोंपे जाएं उनकी यह कोशीश उस वक्त कमजोर साबित हो गई जब वन विभाग ने पौधे उपलब्ध कराने से इंकार कर दिया मंत्री विजववर्गीय कि इस जायज मांग पर भी वन विभाग कोई ठोस जवाब नहीं दे पा रहा है। इंदौर में आयोजित पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान मंत्री विजयवर्गीय के द्वारा मंच से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से आग्रह किया गया कि वे विदेश जाने से पहले वन विभाग को निर्देशित करके जाए कि समय रहते पौधे उपलब्ध करवा दिए जाएं।
वैसे तो कैलाश विजयवर्गीय भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव रह चुके हैं, और भाजपा में उनका कद काफी ऊंचा है, लेकिन जब से मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन यादव की सरकार आई है और कैलाश विजयवर्गीय को नगरीय प्रशासन मंत्री का पद दिया गया है तब से ही भाजपा हलको में यह चर्चा है कि विजयवर्गीय का कद कम किया जा रहा है। यह पहला मौका नहीं है जब मंत्री विजयवर्गीय ने खुल कर अपना पक्ष रखा और मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि सरकारी विभाग किस तरह से काम कर रहे है।
मंत्री विजयवर्गीय का बार-बार सरकार को घेरना यह दर्शाता है कि उन्हें गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। तभी तो उन्हें समय-समय पर मुख्यमंत्री से आग्रह करना पड़ रहा है। अब देखना होगा कि मंत्री की पौधा मांग पर मुख्यमंत्री कितने गंभीर होते है और वन विभाग कितने पौधे उपलब्ध कराता है।