गोवा के एक मशहूर नाइटक्लब में आग लगने की घटना ने राज्य में सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस हादसे के बाद प्रशासन हरकत में आया है और अब क्लब के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। शुरुआती जांच में नियमों की घोर अनदेखी की बात सामने आई है, जिसके चलते अब बुलडोजर एक्शन की संभावना प्रबल हो गई है।
घटना के बाद प्रशासन द्वारा की गई जांच में तीन प्रमुख खुलासे हुए हैं, जो यह बताते हैं कि किस तरह सुरक्षा को ताक पर रखकर यह नाइटक्लब चलाया जा रहा था।
अवैध निर्माण और नियमों का उल्लंघन
जांच अधिकारियों के अनुसार, नाइटक्लब के निर्माण में कोस्टल रेगुलेशन जोन (CRZ) के नियमों का पालन नहीं किया गया था। क्लब का एक बड़ा हिस्सा अवैध रूप से बनाया गया था, जिसे अब गिराने की योजना बनाई जा रही है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि अवैध निर्माण को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
फायर सेफ्टी एनओसी का अभाव
दूसरा सबसे बड़ा खुलासा फायर सेफ्टी को लेकर हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, नाइटक्लब के पास फायर विभाग की एनओसी (NOC) नहीं थी। आग बुझाने के पर्याप्त इंतजाम न होने के कारण ही आग ने इतना विकराल रूप ले लिया। यह लापरवाही न केवल नियमों के खिलाफ है, बल्कि वहां आने वाले लोगों की जान के साथ खिलवाड़ भी थी।
पंचायत की भूमिका पर सवाल
तीसरा महत्वपूर्ण बिंदु स्थानीय पंचायत की भूमिका से जुड़ा है। यह बात सामने आई है कि पंचायत ने भी इस अवैध निर्माण और संचालन की अनदेखी की। बिना जरूरी दस्तावेजों और एनओसी के क्लब का संचालन कैसे जारी रहा, इस पर अब सवाल उठाए जा रहे हैं। प्रशासन अब इस बात की भी जांच कर रहा है कि क्या स्थानीय स्तर पर अधिकारियों की मिलीभगत थी।
बुलडोजर कार्रवाई की तैयारी
इन खुलासों के बाद अब प्रशासन ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। अवैध हिस्से को गिराने के लिए बुलडोजर मंगवाने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने भी इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। यह कार्रवाई अन्य प्रतिष्ठानों के लिए भी एक चेतावनी होगी जो नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
“नियमों का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई होगी।” — प्रमोद सावंत, मुख्यमंत्री, गोवा
गौरतलब है कि गोवा में पर्यटन सीजन के दौरान नाइटक्लबों में भारी भीड़ होती है। ऐसे में सुरक्षा मानकों की अनदेखी किसी बड़े हादसे को न्योता देने जैसा है। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि प्रशासन को और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है।