पंचकल्याणक महोत्सव गिरार : दूसरा दिन,अगाध श्रद्धा से मनाया भगवान का गर्भ कल्याणक,तीर्थंकर की माता की हुई गोद भराई

माँ से बढ़कर कोई न दूजा नाटिका देखकर श्रद्धालु हुए भाव-विभोर लगा राजा नाभिराय का भव्य दरबार

ललितपुर- श्री दिगम्बर जैन आदिनाथ अतिशय क्षेत्र गिरारगिरी विकासखंड मड़ावरा में चर्या शिरोमणि , आध्यात्मिक संत आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज के विशाल संघ सान्निध्य में ब्र. जय कुमार जी निशांत, पंडित सनत कुमार विनोद कुमार जैन के प्रतिष्ठाचार्यत्व में आयोजित श्री 1008 मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक मानस्तम्भ जिनबिम्ब प्रतिष्ठा, विश्वशान्ति महायज्ञ एवं रथोत्सव महोत्सव शनिवार को गर्भ कल्याणक उत्तरार्द्ध विधि विधान के साथ मनाया गया।
सुबह से ही पात्र शुद्धि, अभिषेक, शांतिधारा, नित्यमह पूजन व गर्भ कल्याणक पूजन किया गया।
दोपहर में सीमंतनी क्रिया की गई जिसमें तीर्थंकर आदिनाथ की माता की गोद भराई क्रिया पूर्ण की गई। जिसमें महोत्सव के पात्र, महोत्सव समिति सहित सैकड़ों महिलाओं ने माता की गोद भराई कर धर्म लाभ लिया।जिसे देखकर श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे। मानस्तंभ की विधि विधान के साथ शुद्धि की गई।

भगवान के माता मरुदेवी और पिता नाभिराय बनने का सौभाग्य राजेश जैन-रचना जैन इंदौर को प्राप्त हुआ है। इस दौरान श्रद्धालु माता-पिता को गोद में उठाकर भक्ति नृत्य कर झूम उठे।
इस मौके पर दोपहर में मनोज शर्मा एण्ड पार्टी दिल्ली द्वारा माँ से बढ़कर कोई न दूजा नाटिका देखकर श्रद्धालु हुए भाव-विभोर हो उठे। नाटिका में
आधुनिक पीढ़ी द्वारा माता-पिता की जा रही उपेक्षा पर कटाक्ष करते हुए माता-पिता की सेवा करने की शिक्षा दी गईं ।

आचार्यश्री को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य के. सी. जैन सागर व प्रकाशचंद्र , राहुल जैन ईशान इंद्र परिवार ने प्राप्त। राम कुमार एण्ड पार्टी के संगीतमयी स्वर लहरों के बीच पूजन भक्ति नृत्य के साथ हुई। महाआरती एवं पाद प्रक्षालन का सौभाग्य सौधर्मेन्द्र परिवार मोनू जैन, नेहा जैन ने प्राप्त किया।
इस अवसर पर आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज ने कहा कि धर्म उन लोगों से नहीं चलता जो खूंटे से बंधे हों, धर्म उनसे चलता है जो विश्व में सबके साथ खड़े हों। उन्होंने कहा कि आज की संतान पाश्चात्य सभ्यता के प्रभाव से बिगड़ती जा रही है,जो लड़ लड़कर माँ-पिता को घर से बाहर कर देते लेकिन संतान तो वही है जो धर्म की संतति को आगे बढ़ाती है। परिवार नियोजन की आवश्यकता नहीं है अपितु अपनी वासनाओं को नियोजित करने की आवश्यकता है।
रात्रि में भगवान के माता-पिता का दरबार, 16 स्वप्नों के फल का कथन, अष्ट देवियों व छप्पन कुमारियों द्वारा सेवा भेंट ,समर्पण,महाराजा नाभिराय का राज दरबार, राज्य व्यवस्था के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

आयोजन को सफल बनाने में महोत्सव की आयोजन समिति व उप समिति उल्लेखनीय योगदान रहा।
समागत अतिथियों, समाज श्रेष्ठिगणों का स्वागत आयोजन समिति द्वारा किया गया। पुलिस प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रहा।
इस मौके पर मड़ावरा, बरायठा, शाहगढ़, ललितपुर, टीकमगढ, महरौनी, साढूमल, बराज, जसौडा, किशनपुरा, रामटोरिया, सौरई, सोजना, कारीटोरन, रमगडा, जयपुर, इंदौर , दिल्ली, बेंगलुरु, भोपाल, छतरपुर, घुवारा, बड़ागांव, बकस्वाहा, सतना आदि अनेक स्थानों से श्रद्धालु उपस्थित रहे।
विद्वानों का समागम : महोत्सव में आज अनेक विद्वानों का समागम मिला जिसमें ब्र. जय निशांत भैया, पंडित सनत विनोद कुमार के साथ ही डॉ अनुपम जैन इंदौर, डॉ सुनील संचय ललितपुर, प्रदुम्न शास्त्री जयपुर, पंडित प्रदीप जैन, डॉ संजीव सराफ सागर, डॉ सविता दीदी , नीरज शास्त्री बरायठा, पंडित संतोष शास्त्री, डॉ शोभा लाल जैन सागर, डॉ संजय जैन सागर, पंडित महेश जैन आदि विद्वानों का आयोजन में समागम प्राप्त हुआ।
गिरार पंचकल्याणक महोत्सव समिति

अतिथियों का स्वागत महामहोत्सव एवं ट्रस्ट कमेटी अध्यक्ष संतोष जी जैन घड़ी सागर, महा महोत्सव के महामंत्री प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष विनोद चंदेरिया, महामंत्री अभिषेक जैन दीपू मड़ावरा , कोषाध्यक्ष मुकेश जैन, महा महोत्सव कार्यकारी अध्यक्ष प्रकाश चंद्र बरायठा,चक्रेश जैन बरायठा, राजेंद्र जैन राजू , राकेश जैन खुटगुआ वाले , कोषाध्यक्ष जिनेंद्र जैन मड़ावरा, कमलेश जैन, वीरेंद्र जैन,प्रदीप जैन मड़ावरा, राजेश जैन रज्जू, त्रिलोक जैन, प्रीतेश जैन आदि ने किया ।

जन्म कल्याणक पर निकलेगा भव्य जुलूस, होगा जन्माभिषेक : महोत्सव के प्रचारमंत्री डॉ सुनील संचय ने बताया कि महोत्सव में तीसरे दिन रविवार को तीर्थंकर बालक आदिकुमार का जन्मकल्याणक मनाया जाएगा। भावी भगवान के जन्मोत्सव को देखने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने की संभावना है। जन्म कल्याणक का भव्य जुलूस मंदिर प्रांगण से शुरू होकर इंद्रा चौराहा होकर अयोध्यापुरी पहुँचेगा।दोपहर में राज दरबार, जन्माभिषेक का भव्य जुलूस, पांडुक शिला पर अभिषेक, शाम को संगीतमयी महाआरती, रात्रि में सौधर्म इंद्र द्वारा तांडव नृत्य, बालक आदिनाथ का पालना व बाल क्रीड़ा का मंचन पात्रों द्वारा किया जाएगा।