पिछले सप्ताह सोने ने लगभग 3 प्रतिशत की उछाल के साथ निवेशकों को चौंका दिया। बाजार संकेत दे रहे हैं कि यह तेजी अभी रुकने वाली नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार शादी सीजन और वैश्विक परिस्थितियाँ मिलकर दिसंबर के पहले हफ्ते में सोने को फिर से रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंचा सकती हैं। अनुमान है कि कीमतें 5,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक बढ़ सकती हैं।
क्यों बढ़ रहा है सोने पर दबाव?
दुनिया के सेंट्रल बैंक लगातार सोना खरीद रहे हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय मांग मजबूत बनी हुई है। भारत में वेडिंग सीजन ने भी घरेलू खपत को बढ़ाया है। वहीं अमेरिका में ब्याज दरों में संभावित कटौती ने सोने को और आकर्षक बना दिया है। रूस-यूक्रेन और नाटो से जुड़े तनाव भी गोल्ड को सुरक्षित निवेश के रूप में चमका रहे हैं।
पिछले रिकॉर्ड के करीब पहुंच रहा सोना
इस साल सोने में पहले ही 60 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की जा चुकी है। अक्टूबर में वायदा बाजार में गोल्ड ने अपना लाइफटाइम हाई छुआ था। अब लगभग सात हफ्तों बाद फिर से कीमतें उसी स्तर की ओर बढ़ने लगी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आगामी सप्ताह में यह रिकॉर्ड भी टूट सकता है।
विश्लेषक क्या कहते हैं?
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार निवेशकों की नजरें अमेरिका के प्रमुख आर्थिक आंकड़ों, फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल के भाषण और आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक पर टिकी हैं। जेएम फाइनेंशियल के प्रणव मेर का कहना है कि सोना अब कई दिनों से चले आ रहे सीमित दायरे से बाहर निकल चुका है। वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग, सर्विस सेक्टर डेटा और अमेरिका के रोजगार आंकड़े आगे की दिशा तय करेंगे।
भारत में सोने की कीमतें क्यों उछलीं?
एमसीएक्स पर फरवरी 2026 का गोल्ड वायदा पिछले हफ्ते 2.9 प्रतिशत चढ़कर 1,29,504 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। एंजल वन के प्रथमेश माल्या के मुताबिक रुपये की कमजोरी, त्योहारों व शादियों की मांग और आभूषणों की लगातार खरीदारी ने भारतीय बाजार में तेजी को मजबूती दी है। केंद्रीय बैंकों की लगातार खरीद भी लंबे समय के लिए सकारात्मक संकेत देती है।
अमेरिका की नीति पर नजर
क्वांटेस रिसर्च के कार्तिक जोनागडला कहते हैं कि सोना निवेशकों की सोच को दर्शाता है। जब तक दिसंबर में ब्याज दर कटौती की उम्मीदें मजबूत हैं, सोना-चांदी दोनों के लिए रुझान सकारात्मक रहेगा। हालांकि, यदि किसी आर्थिक आंकड़े से संकेत बदलता है, तो तेजी अचानक धीमी भी पड़ सकती है।
वैश्विक बाजार में कैसी रही चाल?
अंतरराष्ट्रीय बाजार में दिसंबर कॉन्ट्रेक्ट वाला गोल्ड सप्ताहभर में 3.4 प्रतिशत चढ़कर 4,218 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ। अमेरिकी बाजार में 11 घंटे की रुकावट के बाद कारोबार शुरू होने पर भी मजबूत तेजी देखी गई। फेड अधिकारियों की नरम टिप्पणियों और डॉलर की कमजोरी ने सोने को अतिरिक्त सहारा दिया।
चांदी ने दिखाया दम
इस सप्ताह चांदी ने सोने से बेहतर प्रदर्शन किया। एमसीएक्स पर चांदी 10.83 प्रतिशत उछली, जबकि वैश्विक स्तर पर इसमें 13 प्रतिशत से अधिक की बढ़त दर्ज की गई। एमकेवाई ग्लोबल की रिया सिंह के अनुसार, फेड की नरम बयानबाज़ी और अमेरिकी आंकड़ों के लेट होने ने निवेशकों में उम्मीद जगाई कि ब्याज दरें घटेंगी।
क्या 5,000 रुपये तक उछल सकता है गोल्ड?
वेल्थ ग्लोबल रिसर्च के निदेशक अनुज गुप्ता का कहना है कि इस सप्ताह भी सोने में तेजी जारी रह सकती है। फेड की बैठक से 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती का अनुमान है, जो गोल्ड के लिए बड़ा समर्थन बनेगा। उनका कहना है कि गोल्ड में लगभग 4 प्रतिशत यानी करीब 5,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की और बढ़ोतरी संभव है।