Gold Prices In 2025: साल 2024 में सोने में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए एक अच्छा साल साबित हुआ है, क्योंकि इस साल सोने की कीमतों में 30 फीसदी से अधिक का उछाल आया है और ये अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। पिछले 10 सालों का आंकड़ा देखें तो इस साल सोने ने शानदार प्रदर्शन किया है। लेकिन अब सवाल यह है कि 2025 में सोने की कीमतों का क्या हाल होगा? वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने इस विषय पर एक रिपोर्ट जारी की है।
2025 में सोने की कीमतें
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में सोने की कीमतों में जो बढ़ोतरी हुई है, वह भविष्य में जारी नहीं रह सकती। रिपोर्ट के मुताबिक, 2025 में सोने की कीमतें अमेरिका की घटनाओं पर निर्भर करेंगी, खासतौर पर डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद की स्थितियों पर। ट्रंप का दूसरा कार्यकाल स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए एक पॉज़िटिव कदम हो सकता है, लेकिन दुनिया भर के निवेशकों में असमंजस और डर की स्थिति भी बनी रहेगी।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2025 में अमेरिकी केंद्रीय बैंक (फेडरल रिजर्व) मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के बावजूद ब्याज दरों में 100 आधार अंकों की कटौती कर सकता है। इसके अलावा, यूरोपीय सेंट्रल बैंक भी ब्याज दरों में इसी हद तक कटौती कर सकता है। अमेरिकी डॉलर की स्थिति स्थिर या थोड़ी कमजोर हो सकती है। वैश्विक वृद्धि सकारात्मक रहने की संभावना है, लेकिन यह उम्मीद कम है कि यह वृद्धि पिछले वर्षों जितनी तेज होगी। फेडरल रिजर्व की नीतियां और अमेरिकी डॉलर की स्थिति सोने की कीमतों को प्रभावित करेंगे, हालांकि यह अकेले निर्णायक कारक नहीं होंगे। इसके अलावा, सोने की आपूर्ति और मांग भी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
भारत में सोने की मजबूत मांग
रिपोर्ट के अनुसार, भारत और चीन सोने के सबसे बड़े बाजार हैं, और एशिया से सोने की कुल मांग का लगभग 60 प्रतिशत आता है। हालांकि, चीन की आर्थिक स्थिति के अनुसार सोने की मांग में उतार-चढ़ाव हो सकता है, लेकिन भारत में मांग मजबूत बनी रहेगी। भारत की आर्थिक वृद्धि 6.5 फीसदी से ऊपर बनी हुई है, जिससे यहां सोने की उपभोक्ता मांग में वृद्धि बनी रहेगी।
केंद्रीय बैंकों और निवेशकों के निवेश के कारण वृद्धि
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने यह भी बताया कि 2024 में सोने की कीमतों में वृद्धि का एक बड़ा कारण केंद्रीय बैंकों की खरीदारी और निवेशकों के बढ़ते निवेश हैं। हालांकि उपभोक्ता मांग में कमी आई है, फिर भी सोने की कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई है। 2024 की तीसरी तिमाही तक केंद्रीय बैंकों ने कुल 694 टन सोना खरीदा है। भारत ने अक्टूबर में 27 टन सोना खरीदा और 2024 में इसकी कुल खरीद 77 टन तक पहुंच गई है, जो पिछले साल से पांच गुना अधिक है।