भारत में त्योहार केवल पूजा-पाठ और मिठाइयों तक ही सीमित नहीं हैं। यह वह समय भी है जब लोग नई चीज़ें खरीदने का मन बनाते हैं, खासकर सोने और चांदी के आभूषण। दशहरा, दिवाली और शादी-ब्याह के सीजन में हर साल सोने की दुकानों में भीड़ बढ़ जाती है और रौनक देखने को मिलती है। लेकिन इस बार स्थिति थोड़ी अलग दिखाई दे रही है।
सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊँचाई पर
इस साल सोने की कीमतें अब तक की सबसे ऊँची स्तर पर पहुँच चुकी हैं। पिछले हफ्ते स्थानीय बाजार में सोने का भाव 10 ग्राम के लिए 1,09,840 रुपये तक पहुँच गया। जबकि 2024 में सोने की कीमतों में 21% की बढ़ोतरी हुई थी, इस साल अब तक यह बढ़ोतरी 42% तक हो गई है। यह तेजी आम उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय बन गई है।
मांग में गिरावट का संकेत
सोने के बढ़ते दाम सीधे आम लोगों की जेब पर असर डाल रहे हैं। खासकर मध्यम वर्ग के उपभोक्ता अब सोना खरीदने में पहले जैसी उत्सुकता नहीं दिखा रहे हैं। ET की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस त्योहारी सीजन में सोने की मांग में लगभग 10% से 15% तक की गिरावट देखने को मिल सकती है।
त्योहारों में सोने की अहमियत
भारत में सोना केवल आभूषण नहीं माना जाता, बल्कि यह शुभता, समृद्धि और निवेश का प्रतीक भी है। दशहरा, धनतेरस और दिवाली जैसे पर्वों पर सोना खरीदना परंपरा और शुभ मान्यता दोनों के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, शादी-ब्याह के सीजन में बिना सोने के आभूषण के शादी अधूरी मानी जाती है। लेकिन जब कीमतें इतनी ऊँची हो जाती हैं, तो लोगों को अपनी खरीदारी की योजना बदलनी पड़ती है। जो पहले 20 ग्राम सोने की योजना बना रहे थे, अब शायद केवल 10 ग्राम तक ही सीमित रहें।
सोने की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?
सोने की बढ़ती कीमतों के पीछे कई कारण हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में तेजी, बढ़ती महंगाई, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और डॉलर की मजबूती इसके प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। इसके अलावा निवेशकों की भीड़ सुरक्षित निवेश विकल्प की तलाश में सोने की ओर बढ़ रही है।
बढ़ती कीमतों में विकल्पों की तलाश
भले ही इस बार त्योहारों में सोने की मांग कम हो रही है, लेकिन लोग विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। कुछ लोग हल्के वजन के डिज़ाइन चुन रहे हैं, तो कुछ डिजिटल गोल्ड या छोटे आभूषण खरीदना पसंद कर सकते हैं। फिलहाल संकेत यही हैं कि सोने की चमक इस बार पहले जैसी नहीं रहने वाली। कीमतों में स्थिरता आने तक उपभोक्ता अपनी खरीदारी या तो टाल सकते हैं या सीमित मात्रा में ही करेंगे।