धनतेरस से पहले सोने की चमक तेज, 9 दिनों में 9000 रुपए बढ़ी कीमत

भारतीय सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोने की कीमतों ने ऐतिहासिक उछाल दर्ज किया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 99.9% शुद्धता वाला सोना 5,080 रुपए बढ़कर 1,12,750 रुपए प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गया। सोमवार को यही दर 1,07,670 रुपए प्रति 10 ग्राम थी। चांदी भी पीछे नहीं रही और इसकी कीमत 2,800 रुपए चढ़कर 1,28,800 रुपए प्रति किलो तक जा पहुँची। यह अब तक का सबसे ऊँचा स्तर माना जा रहा है।

सितंबर में सोना कितना महंगा हुआ?

केवल सितंबर के शुरुआती 9 दिनों में ही सोने की कीमतों में करीब 9,000 रुपए प्रति 10 ग्राम का इजाफा हो चुका है। यानी लगभग 9% की बढ़त। अगस्त के आखिरी कारोबारी दिन सोने की दर 1,03,670 रुपए थी, जो सितंबर की शुरुआत से अब तक लगातार ऊपर चढ़ रही है। चालू कैलेंडर वर्ष 2024 की तुलना करें तो 31 दिसंबर 2024 को सोना 78,950 रुपए प्रति 10 ग्राम था और अब यह 1,07,670 रुपए तक पहुँच गया है। यानी इस साल अब तक 43% से ज्यादा की वृद्धि दर्ज की जा चुकी है।

वैश्विक बाजार में भी सुनहरी रफ्तार

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सोना रिकॉर्ड बना रहा है। मंगलवार को यह धातु 3,659.27 डॉलर प्रति औंस के नए लाइफटाइम हाई पर पहुँची। बाद में यह 0.46% बढ़कर 3,652.72 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। अमेरिकी श्रम बाजार के कमजोर आंकड़ों और डॉलर इंडेक्स के 7 महीने के निचले स्तर पर पहुँचने से निवेशकों ने गोल्ड को सुरक्षित विकल्प मानकर भारी निवेश किया। इसके कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस साल 35% से ज्यादा की तेजी देखने को मिली है।

तेजी के प्रमुख कारण

सोने की इस रफ्तार के पीछे कई कारक काम कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों, डॉलर की कमजोरी और बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों ने सोने की माँग को और बढ़ा दिया है।

  • केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: दुनियाभर के सेंट्रल बैंक लगातार सोना खरीद रहे हैं, जिससे डिमांड बढ़ रही है।
  • ETF में निवेश: गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है।
  • सेफ हैवन डिमांड: वैश्विक व्यापारिक तनाव और भू-राजनीतिक संकटों के चलते लोग सुरक्षित निवेश विकल्प के तौर पर सोने की ओर रुख कर रहे हैं।

विशेषज्ञों की राय

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट सौमिल गांधी का मानना है कि सोने में आई यह तेजी केवल डॉलर की कमजोरी की वजह से नहीं, बल्कि केंद्रीय बैंकों की बढ़ती माँग और ब्याज दरों में संभावित कटौती के कारण भी है। वहीं, कोटक सिक्योरिटीज की एवीपी कायनात चैनवाला ने कहा कि इस हफ्ते आने वाले अमेरिकी महंगाई के आंकड़े भी गोल्ड की दिशा तय करेंगे।

ट्रेडजिनी के सीओओ त्रिवेश डी ने कहा कि यह उछाल व्यापक कारकों का परिणाम है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा अगली तिमाही में ब्याज दरों में कई बार कटौती किए जाने की उम्मीद से गोल्ड की अपील और बढ़ रही है। इसके अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध और ग्लोबल ट्रेड टेंशन जैसी परिस्थितियाँ सोने को और मजबूत बना रही हैं।