देश भर के सभी वर्कर्स ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर डिमांड कर रहे हैं। जिसको लेकर सरकार ने एक महत्वपूर्ण डिसीजन लिया है कि कर्मचारी अपने मनमुताबिक पेंशन योजना को सिलेक्ट कर सकते हैं। जिसके बाद कर्मचारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। लेकिन अभी हाल ही में एक खबर आ रही है कि उत्तर प्रदेश की इलाहबाद हाई कोर्ट ने एक बार फिर से पुरानी पेंशन को लेकर एक बेहद ही आवश्यक निर्णय लिया है, कि न्यू पेंशन योजना के लागू होने के बाद किए गए स्थायी वर्कर्स पुरानी पेंशन स्कीम के दावेदार हैं। ये आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी ने रणवीर सिंह व उनके 23 साथियों की याचिका पर किया है।
दरअसल, इलाहबाद हाईकोर्ट ने कहा कि पहले से काम कर रहे जल संस्थान के मजदूर वर्कर्स जो कि 2005 से लागू नई पेंशन योजना होने के बाद से नियमित हुए हैं वो भी ओल्ड पेंशन स्कीम के दावेदार हैं। वहीं कोर्ट ने जल संस्थान में श्रमिक श्रेणी में काम कर रहे कर्मचारी जिनको बाद में नियमित किया गया है। उनका पहले किया गया काम रेगुलर काम के साथ में जोड़ते हुए पुरानी पेंशन योजना का मुनाफा देना होगा। ये कोर्ट का आदेश है।
यहां आपको बता दें कि कोर्ट में ये याचिका रणवीर सिंह व 23 अन्य वर्कर्स के द्वारा दाखिल करवाई गई थी। जिसमें कहा था कि याचिका दायर करने वाले 2005 से 2011 के दौरान झांसी जल संस्थान में दैनिक कर्मचारी है इससे पूर्व वे 1989 से 1991 तक दिहाड़ी पर तैनात हुए थे। सभी कर्मचारियों को जल संस्थान झांसी के जनरल मैनेजर के ऑर्डर से ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत लाभ से इसलिए बाहर रखा गया क्यों कि कर्मचारयों की दैनिक जॉब 2005 नई पेंशन स्कीम लागू होने के बाद प्रारंभ हुई है।
Also Read – देशवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी, इन लोगों को अब मात्र 5% देना होगा इनकम टैक्स
वहीं इसी के साथ कर्मचारियों ने याचिका में कहा कि जल संस्थान झांसी के जनरल मैनेजर के ऑर्डर पर ओल्ड पेंशन योजना से मिलने वाले फायदों से भी बाहर कर दिया गया है। क्यों कि उनकी सर्विस वर्ष 2005 नई पेंशन योजना के लागू होने के बाद दैनिक की गई है। इस पर कोर्ट ने कर्मचारियों को सुकून देने वाला निर्णय लेते हुए कहा कि मजदूरी के रुप में दी गई सभी सर्विसों को जोड़कर कर्मचारियों को OPS का प्रॉफिट दिया जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने 3 महीने में पुरानी पेंशन का लाभ देने और सेवानिवृत परिलाभों का भी भुगतान करने के आदेश दिए हैं।