हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नए साल से पहले सफाई कर्मचारियों के लिए बड़ा तोहफा देते हुए उनके वेतन में 9 से 10 हजार रुपये की वृद्धि की घोषणा की है। इस वृद्धि के बाद प्रदेशभर के सफाई कर्मचारियों को अब 26,000 रुपये प्रति माह वेतन मिलेगा।
यह कदम सरकार द्वारा सफाईकर्मियों के योगदान को मान्यता देने और उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने के उद्देश्य से उठाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और यह निर्णय उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सफाईकर्मियों के हित में कई बड़े निर्णयों की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि फिलहाल सफाईकर्मियों को 16 से 17 हजार रुपये मासिक वेतन मिलता है, जिसे अब बढ़ाकर 26 हजार रुपये किया जाएगा। यह वृद्धि उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि सफाईकर्मियों की ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर उनके परिवार को 5 लाख रुपये और सीवरेज में काम करते हुए दुर्घटना में मृत्यु होने पर 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
इसके साथ ही उन्होंने यह आश्वासन दिया कि प्रदेश में सफाई कार्य के 50 प्रतिशत ठेके सफाई मित्रों और उनके समूहों को ही दिए जाएंगे, जिससे उनका रोजगार सुनिश्चित हो सके। यह कदम सफाईकर्मियों के कल्याण और उनके सम्मान को बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सफाई कर्मियों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं। उन्होंने बताया कि सफाई कर्मियों के हितों की रक्षा के लिए हरियाणा राज्य सफाई कर्मचारी आयोग का गठन किया गया है, जो उनकी समस्याओं को समाधान करेगा। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 5000 से अधिक एजेंसी कर्मियों को संबंधित पालिका के रोल पर लिया गया है, जिससे उनकी स्थिरता और सेवाओं में सुधार होगा।
मुख्यमंत्री ने सरकारी सेवाओं में सीधी भर्ती के तहत आरक्षित 20% कोटे में से 10% कोटा अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित किया है। यदि वंचित अनुसूचित जातियों के उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिलते हैं, तो शेष रिक्त पदों को अन्य अनुसूचित जातियों के उम्मीदवारों से भरा जाएगा। इसके बाद भी अगर उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिलते हैं, तो शेष पद वंचित जातियों के उम्मीदवारों के लिए खोले जाएंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इससे पहले अनुसूचित जातियों को प्रथम और द्वितीय श्रेणी में 1.5% आरक्षण दिया गया था, जो अब और बढ़ाया जाएगा। यह कदम सामाजिक समरसता और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।