मध्यप्रदेश के मेडिकल छात्रों के लिए NEET UG 2025 काउंसलिंग से जुड़ी अहम अपडेट सामने आई है। राज्य चिकित्सा शिक्षा संचालनालय (DME) ने घोषणा की है कि दूसरे और आगामी चरणों की काउंसलिंग में 420 नई MBBS सीटें जोड़ी जाएंगी। इसमें श्योपुर और सिंगरौली के नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों की सीटों के साथ-साथ इंदौर स्थित इंडेक्स मेडिकल कॉलेज की सीटें भी शामिल होंगी।
नए मेडिकल कॉलेज और सीटों की मंजूरी
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने हाल ही में श्योपुर और सिंगरौली में स्थापित सरकारी मेडिकल कॉलेजों को 100-100 MBBS सीटों की अनुमति दी है। इनमें से प्रत्येक कॉलेज की 85 सीटें राज्य कोटे में शामिल होंगी। इन सीटों को दूसरे राउंड की काउंसलिंग में जोड़ा जाएगा, जिससे स्थानीय छात्रों को प्रवेश का बेहतर मौका मिलेगा।
इंडेक्स मेडिकल कॉलेज भी काउंसलिंग में शामिल
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद, इंदौर स्थित इंडेक्स मेडिकल कॉलेज को भी NEET UG 2025 काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल कर लिया गया है। इस संस्थान की 250 सीटें अब छात्रों के लिए उपलब्ध होंगी। इस तरह आगामी चरणों में कुल 420 नई MBBS सीटें जुड़ेंगी, जिनमें 170 सीटें सरकारी कॉलेजों से और 250 सीटें इंडेक्स मेडिकल कॉलेज से मिलेंगी।
स्वास्थ्य सेवाओं को भी मिलेगा लाभ
विशेषज्ञों का मानना है कि सीटों में यह बढ़ोतरी न केवल छात्रों के लिए राहत भरी होगी, बल्कि राज्य के स्वास्थ्य ढांचे को भी मजबूत बनाएगी। खासकर श्योपुर और सिंगरौली जैसे पिछड़े जिलों में मेडिकल कॉलेज खुलने से स्थानीय लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। वहीं, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के जुड़ने से निजी संस्थानों में पारदर्शिता आएगी और छात्रों को अधिक विकल्प मिलेंगे।
अपग्रेडेशन का विकल्प भी उपलब्ध
DME ने उन छात्रों के लिए भी सुविधा दी है जिन्हें पहले राउंड में सीट आवंटित की गई थी। अब वे अपने पोर्टल पर जाकर ‘link willingness to upgradation’ विकल्प चुन सकते हैं और अपनी पसंद को बदल सकते हैं। यह लिंक 30 अगस्त 2025, रात 11 बजे तक सक्रिय रहेगा। अधिकारियों ने छात्रों से समय सीमा का पालन करते हुए सोच-समझकर निर्णय लेने की अपील की है।
वेटिंग लिस्ट वालों को भी मिलेगा फायदा
विशेषज्ञों का कहना है कि सीटों में बढ़ोतरी से काउंसलिंग प्रक्रिया और भी मेरिट आधारित होगी। NEET UG रैंक और आरक्षण नियमों के आधार पर सीटें आवंटित की जाएंगी। इस बदलाव से कट-ऑफ में गिरावट की संभावना है, जिससे वेटिंग लिस्ट में रहे छात्रों को भी प्रवेश का अवसर मिल सकता है।
चिकित्सा शिक्षा में नया मील का पत्थर
कुल मिलाकर, यह फैसला मध्यप्रदेश के मेडिकल छात्रों और स्वास्थ्य क्षेत्र दोनों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। अतिरिक्त सीटों की उपलब्धता से न केवल अधिक छात्रों को डॉक्टर बनने का अवसर मिलेगा, बल्कि प्रदेश के स्वास्थ्य तंत्र को भी नई मजबूती मिलेगी।