धान किसानों के लिए खुशखबरी, अब इस तारीख तक करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन

मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों को राहत देते हुए धान उपार्जन पंजीयन की अंतिम तिथि बढ़ाने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर अब किसान 6 नवंबर 2025 तक अपना पंजीयन करवा सकेंगे। पहले यह समय सीमा 31 अक्टूबर तय की गई थी। सरकार का कहना है कि कई किसान तकनीकी परेशानियों, मौसम की दिक्कतों या समय की कमी के कारण समय पर पंजीयन नहीं कर पाए थे। ऐसे किसानों को मौका देने के लिए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।

कलेक्टरों के सुझाव पर लिया गया निर्णय

प्रदेश के कई जिलों से प्रशासन को यह जानकारी मिली थी कि कुछ किसान तकनीकी कारणों या इंटरनेट की समस्या के चलते समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन नहीं करा सके। कलेक्टरों द्वारा भेजे गए प्रस्तावों पर विचार करने के बाद सरकार ने किसानों के हित में यह अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र किसान सरकारी खरीदी से वंचित न रहे और सभी को अपनी उपज का उचित मूल्य मिल सके।

इन 16 जिलों के किसानों को मिलेगा फायदा

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि राज्य सरकार ने इस संबंध में सभी संबंधित जिलों के कलेक्टरों को आदेश जारी कर दिए हैं। जिन 16 जिलों के किसानों को इस फैसले का लाभ मिलेगा, उनमें डिण्डौरी, मण्डला, बालाघाट, सतना, छिंदवाड़ा, शहडोल, अनूपपुर, दमोह, सिवनी, मैहर, उमरिया, जबलपुर, सीधी, अलीराजपुर, बैतूल और पन्ना शामिल हैं। इन जिलों में नोडल अधिकारियों की निगरानी में किसानों का पंजीयन किया जाएगा ताकि प्रक्रिया पारदर्शी और सटीक रहे।

पंजीयन प्रक्रिया के लिए जारी हुए दिशा-निर्देश

खाद्य संचालनालय ने इस निर्णय के बाद विस्तृत निर्देश जारी किए हैं। आदेश के अनुसार, प्रत्येक पंजीयन केंद्र पर खाद्य, सहकारिता, राजस्व और कृषि विभाग के नोडल अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य होगी। केवल उन्हीं किसानों का पंजीयन किया जाएगा जिनके नाम जिला प्रस्ताव सूची में शामिल हैं।

पंजीयन से पहले किसानों के दस्तावेजों की जांच की जाएगी, ताकि पात्रता सुनिश्चित की जा सके। सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि 6 नवंबर तक शेष किसानों का पंजीयन कार्य हर स्थिति में पूरा किया जाए।

सरकार की प्राथमिकता: “हर किसान को मिले उसका हक”

मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव की सरकार किसानों के हर वर्ग तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी किसान को समर्थन मूल्य पर धान बेचने से वंचित नहीं रखा जाएगा।

सरकार का उद्देश्य है कि किसानों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य मिले और खरीफ उपार्जन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और सुगम हो। इसके लिए मंडियों में भी निगरानी बढ़ाई जा रही है ताकि किसानों को किसी प्रकार की समस्या न हो।

कृषि योजनाओं के विस्तार की दिशा में एक और कदम

खाद्य मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव हमेशा किसानों को प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते आए हैं। उनकी पहल पर राज्य में कृषि आधारित योजनाओं का लगातार विस्तार किया जा रहा है। सिंचाई, बीज, खाद, बिजली और फसल बीमा योजनाओं से किसानों को लगातार राहत दी जा रही है।
धान उपार्जन पंजीयन अवधि बढ़ाना इसी सोच का हिस्सा है, ताकि राज्य का कोई भी किसान समर्थन मूल्य का लाभ लेने से पीछे न रह जाए।