केंद्र सरकार ने आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाकर अब 15 सितंबर कर दिया है। लेकिन इस समय सीमा में 10 दिन से भी कम समय बचा है। ऐसे में आयकर विभाग ने टैक्सपेयर्स की सुविधा के लिए दो मोबाइल ऐप लॉन्च किए हैं, जिनकी मदद से रिटर्न भरने की प्रक्रिया और भी आसान हो जाएगी।
मोबाइल ऐप्स से होगी आसान ITR फाइलिंग
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आयकर विभाग ने ‘AIS ऐप’ और ‘इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ऐप’ पेश किए हैं। इन ऐप्स के जरिए टैक्सपेयर्स सीधे अपने मोबाइल से आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। खासतौर पर नौकरीपेशा लोगों, पेंशनधारकों और सामान्य आय वाले करदाताओं के लिए ये ऐप बेहद उपयोगी साबित होंगे।
लॉगिन और डेटा एक्सेस की सुविधा
ITR फाइल करने के लिए यूज़र को ऐप में आधार नंबर, पैन और पासवर्ड डालकर लॉगिन करना होगा। लॉगिन करने के बाद करदाता को एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) और टैक्सपेयर इंफॉर्मेशन समरी (TIS) का डेटा मिलता है। इसमें बैंक, कंपनी और म्यूचुअल फंड्स से जुड़ी जानकारियां पहले से उपलब्ध होती हैं, जिससे मैन्युअल एंट्री की परेशानी कम हो जाती है।
सही ITR फॉर्म चुनने में मदद
कई बार टैक्सपेयर्स यह तय नहीं कर पाते कि कौन-सा ITR फॉर्म भरना है। इन ऐप्स की खासियत यह है कि ये करदाता की आय के स्रोत जैसे – सैलरी, पेंशन, कैपिटल गेन या किराए की आय – के आधार पर सही ITR फॉर्म चुनने में मदद करते हैं।
जानकारी एडिट और ऐड करने का विकल्प
अगर कोई जानकारी गलत हो या छूट गई हो तो यूज़र उसे तुरंत सुधार या जोड़ सकते हैं। जैसे – फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज या किराए की आय का ब्यौरा टैक्सपेयर खुद भर सकता है। इससे पूरी प्रक्रिया और भी पारदर्शी बनती है।
ई-वेरिफिकेशन और सबमिशन
रिटर्न भरने के बाद ई-वेरिफिकेशन की सुविधा भी सीधे ऐप से मिलती है। यह आधार OTP, नेट बैंकिंग या डिजिटल सिग्नेचर के जरिए पूरी हो जाती है। इसके बाद ITR तुरंत सबमिट हो जाता है।
टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी सुविधा
ये मोबाइल ऐप्स करदाताओं को डेस्कटॉप और बिचौलियों पर निर्भर होने से बचाते हैं। अब टैक्स फाइलिंग न सिर्फ तेजी से, बल्कि आसानी और सुरक्षित तरीके से भी की जा सकती है।