एमपी के छात्रों के लिए खुशखबरी, पहली बार सर्वाधिक 30 मेडिकल काॅलेजों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग शुरू, जानें कब होगा सीटों का आवंटन

मध्य प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने निजी और शासकीय मेडिकल तथा डेंटल कॉलेजों में प्रवेश के लिए सीटों का विवरण जारी कर दिया है। इस साल राज्य में कुल 30 मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग आयोजित की जा रही है, जो कि एक रिकॉर्ड संख्या है। यह प्रदेश के चिकित्सा क्षेत्र में बढ़ती अवसरों को दर्शाता है और छात्रों के लिए अधिक विकल्प उपलब्ध कराता है।

मध्य प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में हुई वृद्धि

इस साल मध्य प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में वृद्धि हुई है, जिसमें एक नया निजी और तीन नए शासकीय मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। अब कुल 13 निजी मेडिकल कॉलेजों में 2450 एमबीबीएस सीटें हैं, जबकि 17 शासकीय मेडिकल कॉलेजों में 2425 सीटें हैं। सीटों का आवंटन 29 अगस्त को किया जाएगा और पहली प्रवेश सूची 7 सितंबर को जारी होगी। यह विस्तार छात्रों के लिए अधिक अवसर प्रदान करेगा और काउंसलिंग प्रक्रिया को सुचारू बनाएगा।

मध्य प्रदेश में सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों की सीटों का विवरण इस प्रकार है:

– सरकारी कॉलेज: 17 कॉलेजों में कुल 2488 सीटें हैं। इनमें:

– ऑल इंडिया कोटा: 370 सीटें
– जीओआई कोटा: 29 सीटें
– एमपी के छात्रों के लिए: 2089 सीटें
– जीएसपीडब्ल्यू कोटा: 334 सीटें
– ओपन टू आल: 1755 सीटें

– निजी कॉलेज: 13 कॉलेजों में कुल 2450 सीटें हैं। इनमें:

– एनआरआई कोटा: 374 सीटें
– मध्यप्रदेश के लिए: 2076 सीटें
– जीएसपीडब्ल्यू कोटा: 208 सीटें
– ओपन टू आल: 1868 सीटें

इस विस्तृत विवरण से छात्रों को अपने प्रवेश की योजना बनाने में सहायता मिलेगी।

मध्‍य प्रदेश में हाल ही में सिवनी, मंदसौर और नीमच में नए मेडिकल कॉलेजों की सीटें जोड़ी गई हैं, जिससे कुल सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या अब 17 हो गई है। इन कॉलेजों में एमबीबीएस की कुल सीटें 2425 हो गई हैं, और स्नातकोत्तर एमडी/एमएस की 1262 सीटें उपलब्ध हैं। अगले वर्ष पांच नए मेडिकल कॉलेजों को शुरू करने की योजना भी बनाई जा रही है, जो प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के अवसरों को और बढ़ावा देगा।

मध्य प्रदेश में 13 निजी डेंटल कॉलेजों में कुल बीडीएस की 1220 सीटें हैं। काउंसलिंग के दौरान सामान्य श्रेणी के लिए 1067 सीटें उपलब्ध रहेंगी, क्योंकि अन्य कोटा हटाने के बाद ये सीटें बचेंगी। इस प्रकार, बीडीएस में दाखिले के लिए भी छात्रों को अच्छे अवसर मिलेंगे, साथ ही एमबीबीएस काउंसलिंग के साथ यह प्रक्रिया समन्वयित की जाएगी।