Google पर इन शब्दों को खोजना पड़ेगा भारी, देना होगा 5,600 रुपये का जुर्माना!

Google:रूस में एक नए कानून ने ऑनलाइन स्वतंत्रता पर और सख्ती कर दी है। इस कानून के तहत, अगर कोई व्यक्ति ‘अतिवादी’ सामग्री को ऑनलाइन खोजता है, तो उसे 65 डॉलर (लगभग 5,600 रुपये) तक का जुर्माना देना पड़ सकता है। रूसी सरकार द्वारा ‘अतिवादी’ शब्द का उपयोग बहुत व्यापक रूप से किया जाता है, जिसमें कई विवादास्पद विषय और संगठन शामिल हैं।

उदाहरण के लिए, रूस ने एलजीबीटी आंदोलन को आधिकारिक तौर पर ‘आतंकवादी’ संगठन घोषित किया है, और इसे अल-कायदा या नाजी विचारधारा से संबंधित सामग्री के समान श्रेणी में रखा गया है। सरकार ने 5,500 से अधिक निषिद्ध विषयों और संगठनों की एक सूची तैयार की है, जो तेजी से बढ़ रही है।

पहले, इस तरह की सामग्री को साझा करने या प्रसारित करने पर दंड का प्रावधान था, लेकिन नए कानून के तहत अब निजी तौर पर ऑनलाइन खोज करने, जैसे कि वीपीएन के जरिए, पर भी जुर्माना लगाया जा सकता है।इतना ही नहीं, वीपीएन को बढ़ावा देने या विज्ञापन करने वालों को भी भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।

व्यक्तियों पर 2,500 डॉलर (लगभग 2.1 लाख रुपये) और कंपनियों पर 13,000 डॉलर (लगभग 11 लाख रुपये) तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। रूसी अधिकारियों का दावा है कि संघर्ष के समय में ये प्रतिबंध आवश्यक हैं, लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गंभीर हमला है।यह कदम रूसी सरकार द्वारा इंटरनेट तक पहुंच और ऑनलाइन व्यवहार पर अपनी पकड़ मजबूत करने की एक और कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के कानून न केवल नागरिकों की गोपनीयता को प्रभावित करते हैं, बल्कल्कि सूचना के मुक्त प्रवाह को भी बाधित करते हैं। यह नया कानून रूस में डिजिटल स्वतंत्रता पर बढ़ते नियंत्रण का एक और उदाहरण है, जिसने वैश्विक स्तर पर चिंता पैदा की है।
रूसी कानून का प्रभाव