Ratlam News : रतलाम की पत्रकार कॉलोनी से एक बड़ा मामला सामने आया है। जहां श्वेता शाह नाम की एक युवती को फर्जी मार्कशीट लगाकर सरकारी नौकरी पाने के मामले में कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनादी है। साथ ही उस पर 500-500 रूपए के जुर्माने से दंडित किया गया है।
बता दें कि ये फैसला सप्तम अपर सत्र न्यायाधीश राजेश नामदेव की कोर्ट ने सुनाया है। अपर लोक अभियोजक समरथ पाटीदार के अनुसार श्वेता शाह की मां सुनंदा शाह महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता थी। उनकी 13 जून साल 2014 को सेवा में रहते हुए मौत हो गई थी। जिसके बाद बेटी श्वेता ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए कलेक्टर को आवेदन दिया और संयुक्त कलेक्टर और तत्कालीन प्रभारी मंत्री पारसचंद्र जैन ने भी सिफारिश की थी।
लेकिन मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी कार्यलय ने हाल ही में इस मामले में फर्जीवाडे़ की पोल खोल कर रख दी है। दरअसल, श्वेता शाह की हायर सेकंडरी परीक्षा 2022 की अंकसूची का जब सत्यापन इंदौर मंडल से कराया गया तो जांच में पाया गया कि रिकॉर्ड और प्रस्तुत अंकसूची अलग-अलग है। श्वेता शाह ने विज्ञान संकाय की अंकसूची लगाई थी जबकि उसकी वास्तविक अकंसूची वाणिज्य संकाय की है।
जिसके चलते श्वेता शाह को विभाग को गुमराह करके नौकरी पाने का आरोप साबित हुआ है। जिस कारण उन पर थाना स्टेशन रोड़ में धारा 20, 467, 468 और 409 के तहत केस दर्ज किया गया है और रतलाम कोर्ट ने उसे दोषी मानते हुए 10 साल की सजा सुनाई है साथ ही जुर्माना भी लगाया है।