भले ही केंद्र सरकार ने आम लोगों को राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को टैक्स फ्री कर दिया हो, लेकिन इससे सरकार के राजस्व पर कोई असर नहीं पड़ा है। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में अब तक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 12 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाता है।
कॉरपोरेट टैक्स और नॉन-कॉरपोरेट टैक्स में दिखा उछाल
सरकार की इस जबरदस्त टैक्स वसूली के पीछे सबसे बड़ा कारण है कॉरपोरेट टैक्स में बढ़ोतरी और रिफंड में कमी।
1 अप्रैल से 12 अक्टूबर 2025 तक कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन लगभग 5.02 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 4.92 लाख करोड़ रुपये था। वहीं नॉन-कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन (जिसमें व्यक्तिगत आयकर शामिल है) 6.56 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि पिछले वर्ष यह 5.94 लाख करोड़ रुपये रहा था।
रिफंड में कमी से बढ़ा शुद्ध टैक्स कलेक्शन
वित्त मंत्रालय के अनुसार, टैक्स रिफंड जारी करने में लगभग 16 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इस साल अब तक 2.03 लाख करोड़ रुपये का ही रिफंड जारी किया गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा अधिक था। रिफंड में आई इस गिरावट का सीधा असर शुद्ध टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी के रूप में देखने को मिला है।
सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) में भी बढ़त
शेयर बाजार से जुड़े सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (STT) में भी हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2025 के पहले छह महीनों में STT कलेक्शन 30,878 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में 30,630 करोड़ रुपये था। इससे यह साफ है कि मार्केट ट्रांजेक्शन में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है।
कुल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 6.33% की वृद्धि
कुल मिलाकर शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह (कॉरपोरेट टैक्स + व्यक्तिगत आयकर) 6.33 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 11.89 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
यदि रिफंड से पहले के आंकड़े देखें तो ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 13.92 लाख करोड़ रुपये से अधिक दर्ज किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.36 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्शाता है।
सरकार का लक्ष्य – 25.20 लाख करोड़ की वसूली
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्र सरकार ने 25.20 लाख करोड़ रुपये के डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन का लक्ष्य तय किया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 12.7 प्रतिशत अधिक है। मौजूदा वृद्धि दर को देखते हुए, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार इस लक्ष्य को न केवल हासिल करेगी, बल्कि संभवतः इससे भी अधिक टैक्स कलेक्शन दर्ज करेगी।