राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को हुई कैबिनेट बैठक में सरकारी कर्मचारियों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इनमें पंचायती राज संस्थाओं और नगरपालिकाओं के कर्मचारियों के लिए 7वें राज्य वित्त आयोग के गठन, वेतनवृद्धि और संविदा कर्मचारियों के लाभ में वृद्धि जैसे अहम फैसले शामिल हैं, जो हजारों कर्मचारियों के लिए राहतकारी साबित होंगे।
7वें राज्य वित्त आयोग का गठन
कैबिनेट बैठक में पंचायती राज संस्थाओं और नगरपालिकाओं के कर्मचारियों के लिए 7वें राज्य वित्त आयोग का गठन किया गया है। इस आयोग का कार्यकाल 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2030 तक होगा। इस निर्णय से इन संस्थाओं के कर्मचारियों को 7वें राज्य वित्त आयोग का लाभ मिलेगा, जिससे उनका वेतन एवं सुविधाएं सुधरने की उम्मीद है।
संविदा कर्मचारियों के लिए वेतनवृद्धि के लाभ में बदलाव
राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल अपॉइन्टमेंट टू सिविल पोस्ट्स रूल्स-2022 के तहत कार्यरत संविदा कर्मचारियों को अब राज्य कर्मचारियों की तरह ही वार्षिक पारिश्रमिक वृद्धि का लाभ मिलेगा। पहले जहां ये वृद्धि 1 जनवरी या 1 जुलाई से होती थी, अब संविदा कर्मचारियों को भी यह वृद्धि उनके नियुक्ति की तारीख के हिसाब से प्राप्त होगी। इससे संविदा कर्मचारियों को जल्द लाभ मिलेगा और उनका वेतन समान रूप से बढ़ेगा।
खेमराज समिति की सिफारिशों को मंजूरी
उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने बताया कि खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में गठित कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति की सिफारिशों को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। इस समिति ने वेतन विसंगतियों को दूर करने, वेतन सुधार और पदोन्नति के अतिरिक्त अवसर प्रदान करने के उपाय सुझाए थे। ये सिफारिशें 1 सितम्बर 2024 से लागू होंगी, जिससे कर्मचारियों के वेतन संबंधी समस्याएं सुलझ सकेंगी।