MP News : छिंदवाड़ा कांड के बाद सरकार सख्त, राज्यभर में कोल्ड्रिफ सिरप की बिक्री पर लगी रोक

MP News : मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कोल्ड्रिफ कप सिरप के सेवन से 11 मासूम बच्चों की मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक घटना के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तत्काल सख्त कार्रवाई करते हुए इस सिरप की बिक्री और वितरण पर पूरे प्रदेश में प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत अत्यंत दुखद और अस्वीकार्य है। राज्य सरकार दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शेगी नहीं।

MP में कोल्ड्रिफ सिरप प्रतिबंधित

घटना के बाद जांच रिपोर्ट सामने आने पर पता चला कि सिरप के नमूने अमानक (substandard) पाए गए हैं। रिपोर्ट मिलते ही मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि प्रदेशभर में इस सिरप की बिक्री, वितरण और उपयोग तुरंत प्रभाव से रोक दिया जाए। औषधि निरीक्षकों को छापामारी कर दवा को जप्त करने और सील करने के निर्देश दिए गए हैं।

जांच में निकला जहरीला तत्व

तमिलनाडु की औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, चेन्नई में की गई जांच में यह खुलासा हुआ कि कोल्ड्रिफ सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (Diethylene Glycol) की मात्रा 48.6% पाई गई है। यह एक जहरीला और अत्यंत खतरनाक रसायन है, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए घातक सिद्ध हुआ। इसी तत्व के कारण छिंदवाड़ा में बच्चों की मृत्यु की आशंका जताई जा रही है।

राज्यस्तरीय संयुक्त जांच टीम गठित

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस पूरे मामले की राज्यस्तरीय जांच टीम गठित करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान की जाएगी और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि “जनता की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी कीमत पर माफ नहीं किया जाएगा।”

मृतकों के परिवारों को मुआवजा और घायलों का मुफ्त इलाज

राज्य सरकार ने इस दुखद घटना में अपने बच्चों को खो चुके परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि प्रत्येक मृतक बच्चे के परिजन को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। वहीं जो बच्चे अभी उपचाररत हैं, उनके इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार उठाएगी।

औषधि विभाग को सख्त निर्देश

राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन के नियंत्रक डॉ. दिनेश कुमार मौर्य ने सभी वरिष्ठ औषधि निरीक्षकों को निर्देशित किया है कि कोल्ड्रिफ सिरप का विक्रय और वितरण तुरंत रोका जाए। यदि यह दवा कहीं भी उपलब्ध है तो उसे सील किया जाए पर नष्ट नहीं किया जाए, ताकि जांच पूरी की जा सके। साथ ही Sresan Pharmaceutical द्वारा निर्मित अन्य दवाओं की बिक्री और उपयोग भी अस्थायी रूप से रोक दिए गए हैं, और उनके नमूने कानूनी परीक्षण हेतु भेजे जा रहे हैं।

दवा की आवाजाही पर नजर

राज्यभर में औषधि निरीक्षक अब कोल्ड्रिफ सिरप और उससे जुड़ी दवाओं की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखेंगे। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए हैं कि कोई भी अमानक दवा दोबारा बाजार में न पहुंच पाए।

मुख्यमंत्री का संदेश

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध दवा का उपयोग न करें और यदि ऐसी दवा कहीं बिकती दिखाई दे तो तुरंत स्थानीय प्रशासन को सूचित करें। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक जांच नहीं, बल्कि हमारे बच्चों की सुरक्षा का प्रश्न है। इस तरह की लापरवाही को राज्य में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”